फुटबॉल का खुमार केवल इंटर स्कूल प्रतियोगिता तक सीमित

Meerut। देशभर में फीफा व‌र्ल्ड कप का खुमार सिर चढ़कर बोल रहा है। इसी के चलते भरी गर्मी में कैलाश प्रकाश स्टेडियम में बच्चे भी फुटबॉल के खेल में जमकर पसीना बहा रहे हैं। यहां गौर करने लायक एक बात यह है कि फीफा खत्म होते ही फुटबॉल का खुमार भी केवल इंटर स्कूल प्रतियोगिता तक सिमटकर रह जाता है। डीएवी स्कूल की प्रधानाचार्या अल्पना शर्मा कहती हैं कि हम स्कूल स्तर पर टीम बनाकर ज्यादा से ज्यादा फुटबाल मैच करवाते हैं। हम बच्चों को सभी खेलों के लिए ज्यादा से ज्यादा सुविधा प्रदान करते है।

सुविधाओं का है अभाव

मेरठ में स्कूलों के स्तर तक तो खूब फुटबॉल खेली जाती है, लेकिन नेशनल और इंटरनेशनल कंप्टीशन के लिए बेहतर तैयारी न होने से कई प्रतिभाएं दम तोड़ देती हैं। इसका बड़ा कारण है शहर में फुटबॉल खेलने के लिए एक अदद फुटबॉल ग्राउंड और कोच समेत तमाम दूसरी सुविधाओं का न होना। बावजूद इसके कैलाश प्रकाश स्टेडियम में बच्चे फुटबॉल के खेल को लेकर काफी एक्टिव नजर आते हैं।

केवल बेसिक लेवल

स्कूलों में फुटबॉल के खेल को केवल बेसिक लेवल पर खेला जाता है। जिसमें एक स्कूल की टीम दूसरे स्कूल की टीम से मैच खेलती है। इन मुकाबलों के लिए स्कूलों में मौजूद ग्राउंड्स ही पर्याप्त होते हैं। साथ ही स्कूल इन मैचों के लिए टेम्प्रेरी कोच भी मुहैया करा देते हैं। इन मैचों में बच्चे फुटबॉल के बेसिक रूल्स भी सीख जाते हैं। लेकिन जो बच्चे फुटबॉल को नेशनल या इंटरनेशनल लेवल पर खेलना चाहते हैं उनके लिए फुटबॉल अभी दूर की कौड़ी है।

कुछ फुटबॉल क्लब भी

कुछ फुटबॉल क्लब फुटबॉल के खेल को बिना सुविधाओं के भी आगे बढ़ाने में लगे हैं। मेरठ में फुटबॉल के गॉडविन शील्ड क्लब, रज्जन स्पोर्टिग, डिफेंस यूनाइटेड, चंदा ओल्ड, मेरठ चंदा क्लब, मेरठ यूनाइटेड जैसे कई क्लब हैं, जो आपसी प्रतिस्पर्धा करते रजबन ग्राउंड या कैलाश प्रकाश स्टेडियम में दिख जाएंगे।

हमारे यहां सभी खेलों की टीम बनी हुई हैं। साथ ही हम समय-समय पर हर खेल पर्याप्त मैच भी करवाते हैं।

प्रवेश कुमार, फुटबाल कोच, डीएवी, स्कूल

स्कूल के बाद बच्चों को खेलने के लिए एक्सपोजर नहीं मिल पाता है। फुटबाल के लिए जिला स्तर पर सुविधाएं नहीं है। बच्चों को अपने स्तर पर ही सुविधाएं तलाशनी पड़ती हैं।

राहुल केसरवानी, मैनेजर, मेरठ सिटी पब्लिक स्कूल

स्कूल स्तर हम बच्चों को फुटबाल के लिए सुविधाएं मुहैया करवाते हैं लेकिन आगे लेवल पर बेसिक सुविधाएं न होने की वजह से फुटबॉल पीछे छूट जाता है। बच्चों में खेल भावना खत्म हो जाती है।

एचएम राउत, प्रिंसिपल, दीवान पब्लिक स्कूल

फुटबॉल का काफी एक्सपोजर स्कूल में बच्चों को दिया जाता है। यहां कई टूर्नामेंट बच्चे खेलते भी हैं। जिला स्तर की बात करें तो ग्राउंड, इंफ्रास्ट्रक्चर, कोच आदि की सुविधाएं न होने की वजह से बच्चे सेकेंड लेवल पर खुद को स्थापित नहीं कर पाते हैं।

प्रीति मल्होत्रा, प्रिंसिपल, द आर्यस स्कूल