15 साल बाद पहली बार फुटबाल के रैफ्रियों का फिजिकल टेस्ट

-16 अक्टूबर को हल्द्वानी शिवालिक इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित होगा रिन टेस्ट

-रिन नंबर हासिल करने के लिए सूबे के फुटबाल रेफ्री मैचों के लिए होंगे मान्य

ष्ठश्व॥क्त्रन्ष्ठहृ: राज्य गठन के 15 साल बाद पहली बार उत्तराखंड में आगामी 16 अक्टूबर को फुटबाल रेफ्रियों का फिजिकल टेस्ट आयोजित किया जाएगा। यह फिजिकल टेस्ट रिन (रेफ्री आईडेंटीफिकेशन नंबर) नाम से होगा। बताया गया है कि इस रिन टेस्ट में पास होने वाले रेफ्री किसी भी लीग, स्टेट चैंपियनशिप या फिर नेशनल लीग में रेफ्री के लिए मान्य होंगे।

बिना रिन नंबर के अमान्य रेफ्री

पिछले लंबे समय से फुटबाल के रेफ्रियों को रिन नंबर के लिए फिजिकल टेस्ट की मांग की जाती रही है। इस बावत रेफ्रियों ने दून में आयोजित होने वाले लीग मैचों को भी बहिष्कार किया था। कारण, पिछले 15 सालों के दौरान राज्य में फुटबाल के रेफ्रियों के लिए रिन जैसा कोई फिजिकल टेस्ट नहीं हो पाया था। जिसके कारण फुटबाल से जुड़े उत्तराखंड के रेफ्री फुटबाल की तमाम प्रतियोगिताओं में मान्य नहीं माने जा रहे थे। इसकी शिकायत ऑल इंडिया फुटबाल एसोसिएशन तक भी पहुंची थी। इसके बाद ऑल इंडिया फुटबाल एसोसिएशन ने उत्तराखंड फुटबाल एसोसिएशन को फुटबाल के रेफ्रियों के लिए रिम टेस्ट आयोजित करने के निर्देश दिए थे। इसको देखते हुए अब उत्तराखंड फुटबाल एसोसिएशन ने आगामी 16 अक्टूबर को हल्द्वानी में फुटबाल के रेफ्रियों के लिए रिम फिजिकल टेस्ट आयोजित करने के आमंत्रित किया है।

संघ ने भेजा जिला सचिवों को पत्र

उत्तराखंड स्टेट फुटबाल एसोसिएशन के महासचिव एसए अली की तरफ से सूबे के सारे जिला फुटबाल सचिवों को पत्र भेजा गया है। जिसमें अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, चंपावत, पिथौरागढ़, उधमसिंहनगर, नैनीताल, पौड़ी, हरिद्वार, देहरादून, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी व टिहरी के जिला फुटबाल सचिव शामिल हैं। रिन का टेस्ट 16 अक्टूबर को हल्द्वानी के शिवालिक इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित होगा। इसके लिए सभी रेफ्रियों को प्रमाण पत्रों, साक्ष्यों व दो फोटो के साथ आमंत्रित किया गया है। इस रिन नंबर को हासिल करने के लिए होने वाले फिजिकल फिटनेस के लिए प्रतिभागी स्वयं के खर्चे के साथ प्रतिभाग करेंगे।

पांच दर्जन रेफ्री कर सकते हैं प्रतिभाग

जानकारों के मुताबिक फुटबाल के रेफ्री रिन नंबर हासिल करने के बाद किसी भी प्रतियोगिता में रेफ्री की भूमिका निभा सकते हैं। कोई भी रेफ्री रिन नंबर हासिल किए बिना मैच में रेफ्री की भूमिका निभाता है तो वह अमान्य माना जाएगा। इसके लिए करीब पांच दर्जन रेफ्रियों के भाग लेने की उम्मीद है।

रिन नंबर के लिए तारीख तय है। रिन टेस्ट से नंबर मिलने के बाद रेफ्रियों को ऑल इंडिया स्तर पर फायदा मिलेगा। यह खुशी की बात है। कई राज्यों में यह प्रक्रिया हो चुकी है।

देवेंद्र बिष्ट, सचिव, डीएफए।