इन व्रतों को धार्मिक आस्था से जोडऩे की बहुत बड़ी वजह है कि व्रत हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी हैं। आइए जानते हैं व्रत का हमारी सेहत से क्या वास्ता है।

फास्ट बढ़ाते हैं डीटॉक्सिफिकेशन

हमारी रेगुलर फूडिंग हैबिट्स से बॉडी में कई टॉक्सिंस शामिल हो जाते हैं। इनमें से ज्यादातर टॉक्सिंस शरीर में फैट के रूप में जमा होते हैं। इन टॉक्सिंस से हमारा लीवर, किडनी जैसे कई ऑर्गन प्रभावित होते हैं। ये फैट फॉस्टिंग से बर्न होता है। जिससे टॉक्सिंस पिघलकर शरीर से बाहर निकलते हैं।

Digestive system को आराम

नॉरमली हम रेगुलर तीन टाइम खाना खाते हैं और कई बार ये टाइम तीन से ज्यादा हो जाते हैं और हमारे खाने की आदतों में टाइम भी काफी गड़बड़ा जाता है। ये सभी चीजें डाइजेशन में अहम होती हैं। व्रत रखने का हमारे डाइजेस्टिव ऑर्गन्स को आराम मिलता है। फास्टिंग एक्सरसाइज बॉडी में मौजूद फ्लूड्स को बैलेंस करती है। जिससे डाइजेशन सिस्टम बेहतर होता है। कम होता है इंफ्लेमेट्री रेस्पांस

फॉस्टिंग का एक और फायदा होता है कि इससे इंफ्लेमेट्री डिसीज और एलर्जी पर कंट्रोल होता है। मसलन अर्थराइटिस, स्किन प्रॉब्लम, सोराइसिस जैसी समस्याओं पर कंट्रोल होता है।

कम होता है blood sugar

फास्टिंग की वजह से बॉडी में मौजूद ग्लूकोज पिघलता है जो शरीर को एनर्जी देता है। व्रत के बाद ब्लड शुगर का लेवल कम होता है। फास्टिंग ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने का नॉन ड्रग फॉर्मूला है।

कम होता है फैट

फास्टिंग फैट कम करने का अच्छा तरीका भी साबित होता है। जब हम पूरे दिन कुछ नहीं खाते तो शरीर में मौजूद ग्लूकोज पिघलता है जो फैट के रूप में शरीर में जमा होता है। इसके पिघलने से शरीर को एनर्जी मिलती है।

Promoting healthy diet

व्रतों में ली जाने वाली ज्यादातर डाइट हेल्दी होती है। व्रत के दौरान फल, दूध, दही, पनीर, नींबू पानी, सैलेड जैसी चीजों की मात्रा बढ़ जाती है। इसलिए व्रत हेल्दी डाइट को भी प्रमोट करते हैं।

Immunity booster

फास्टिंग के दौरान ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर और फैट कंट्रोल होता है। आप इस दौरान हेल्दी डाइट भी लेते हैं। आयुर्वेद में व्रत को एक उपचार पद्धति के रूप में पेश किया जाता है। इस दौरान हमारी आदतों में काफी अंदर आ जाता है और इसी वजह से हमारी इम्यूनिटी भी स्ट्रांग होती है।

व्रतों के दौरान इन बातों का रखें ख्याल

-अगर आपको कोई बीमारी है तो व्रत रखने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करें। साथ ही बीच-बीच में रेगुलर चेकअप भी कराएं।

-व्रतों के दौरान बॉडी में शुगर की कमी होती है इसलिए मीठी चीजें ज्यादा लें।

-खूब पानी पिएं और एक बार दूध जरूर लें।

-फ्रूट्स और जूस को अपनी डाइट में शामिल करें।

-कूट्टू के आटे में बराबर मात्रा में सिंघाड़े का आटा मिलाकर इस्तेमाल करें।

-मीठा दही और काशीफल का रेगुलर इस्तेमाल करें।

-दिन में आधा लीटर शिकंजी जरूर लें।

-दिन में थोड़ा-थोड़ा कुछ खाते रहें ताकि कमजोरी न महसूस हो।

-बहुत ज्यादा ऑयली चीजें खाने की जगह ऑयल फ्री चीजें खाएं।

-अगर आप पूरे दिन कुछ न खाने वाले व्रत रखते हैं तो दिन में दो-तीन बार जूस और पानी में शहद मिलाकर जरूर लें।

-अगर आप वर्किंग हैं तो अपने साथ शिकंजी, तली मूंगफली, पेठा जैसी चीजों को जरूर रखें।

-खाने में फलों का ज्यादा इस्तेमाल करें।

-इस दौरान ज्यादा फिजिकल वर्क न करें।

-खाना जल्दबाजी में न खाएं। आराम से और खाने की चीजों को कुछ इस तरह से अरेंज करें कि सबसे पहले लिक्वीड जैसे जूस, शर्बत इसके बाद सेमी लिक्वीड जिसमें दही, रायता, खीर और बाद में हैवी चीजों को खाएं।