ं- बेमौसम बारिश ने दलहन, तिलहन और गेहूं की फसल को पहुंचाया भारी नुकसान

- तीनों ही फसलों के उत्पादन में पिछले साल की तुलना में रहेगी भारी गिरावट

- 13 मार्च को फिर होगी तेज बारिश, खेतों में ही सड़ सकता है लाखों टन आलू

KANPUR: बेमौसम बारिश और मार्च के महीने में ठंड का असर सीधे पब्लिक की जेब पर पड़ने वाला है। फरवरी और मार्च में अब तक हुई रिकॉर्डतोड़ बारिश ने दलहन और तिलहन की फसलों को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है। गेंहू की फसल को भी भारी नुकसान पहुंचा है। सब्जियों के दाम भी आंखें तरेर रहे हैं। यानि आने वाले दिनों में महंगाई आपका बजट बिगाड़ने वाली है। लेकिन बात यहीं खत्म नहीं हुई है। मौसम वैज्ञानिकों ने क्फ् मार्च को फिर तेज बारिश की संभावना जताई है जिसने आलू किसानों के होश उड़ा दिए हैं। क्योंकि इस बारिश से टनों आलू खेत से बाहर आने से पहले ही सड़ जाएगा।

चार दशक में पहली बार

चन्द्रशेखर आजाद एग्रीकल्चर एंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी के मौसम वैज्ञानिक डॉ। अनिरुद्ध दुबे ने बताया कि करीब चार दशक में पहली बार मौसम इस तरह का मिजाज दिखा रहा है। मार्च के महीने में 70.7 मिमी बारिश पहली बार हुई है। अभी आफत की यह बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही है। संडे को आसमान में बादल छा जाएंगे और मंडे को तेज हवाओं के साथ बारिश होने की संभावना है। यही नहीं क्फ् मार्च को जबरदस्त बारिश हो सकती है। इस तरह के आसार बन रहे हैं।

अफगानिस्तान से आ रही आफत

मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अफगानिस्तान में जो वेस्टर्न डिस्टर्बेस डेवलप हो रहा है वही इंडिया में कहर ढा रहा है। वहां बन रहा लो प्रेशर कश्मीर में ठंडा होकर हिमपात में बदल जाता है। आगे आकर यही दबाव रीजनल साइक्लोन के साथ मिलकर आफत की बारिश बन रहा है। इसी वजह से मैदानी एरिया में कहीं ओले तो कहीं बारिश हो रही है।

गेहूं को भ् मिलियन टन का नुकसान

एग्रोनामी डिपार्टमेंट के डॉ। नौशाद खान ने बताया कि बेमौसम की बरसात गेहूं की फसल के लिए घातक हो गई है। नवंबर और दिसंबर के बीच जो गेहूं बोया गया था उसमें फ्0 से फ्भ् परसेंट का नुकसान होगा। वहीं जिन किसानों ने देरी से बुआई की थी उन्हें अभी ज्यादा दिक्कत नहीं है। करीब 70 परसेंट फसल टाइम से बोई गई थी। केवल फ्0 परसेंट गेहूं देरी से बोया गया है। लास्ट इयर यूपी में करीब फ्0 मिलियन टन गेहूं का प्रोडक्शन हुआ था। इस बार इसमें भ् मिलियन टन गिरावट की संभावना है।

फ्0 परसेंट तक गिरेगी दलहन

सीएसए के दलहन वैज्ञानिक डॉ। अखिलेश मिश्रा ने बताया कि मसूर व मटर की फसल बेमौसम बारिश की वजह से बर्बाद हो गई। मसूर, मटर और चना में करीब फ्0 से ब्0 परसेंट का नुकसान होगा। इसके अलावा अरहर में भी ख्0 परसेंट नुकसान होना तय है। जब उत्पादन कम होगा तो महंगाई का बढ़ना तय है। पिछले साल दलहन का उत्पादन ख्ब्.फ् लाख टन हुआ था। इस बार यह उत्पादन गिरकर क्9 लाख टन के आसपास रहने की संभावना है।

तिलहन उत्पादन प्रभावित होगा

सीएसए के तिलहन एक्सपर्ट डॉ। महक सिंह ने बताया कि सरसों की फसल को ख्0 से फ्0 परसेंट का नुकसान हो जाएगा। इसके अलावा अलसी की फसल में क्भ् से ख्0 परसेंट का नुकसान होगा।