पूरे देश में फैलाया है जाल

थाई नागरिक केराती पाई तालाभाई, पटारावत उर्फ फेले, पुरुख बुटिरानोन और श्रीचाईं ससाराना को अरेस्ट किया। इनकी गिरफ्तारी से खुफियां एजेंसियां भी एक्टिव हो गईं। पुलिस की पूछताछ में इन लोगों ने बताया कि मिस्टर उल का मंदिर बनाने के लिए इंडिया के फेमस मंदिरों में चोरी की योजना है। किसी न किसी बहाने कोई न कोई ऐतिहासिक धरोहर चुराकर उसको बैंकाक ले जाते। इसलिए वेल्लूर के मठ से श्रीचाईं ससाराना ने चोरी की। उसके बाद टीम के अन्य सदस्यों ने 30 नवंबर को पटाराव उर्फ फेले की अगुवाई में कबीरचौरा मुलगादी से चोरी की। ध्यान लगाने के बहाने मंदिर का पट खुलवाया। संतों में रुपए बांटने के दौरान धुआं करने वाली अगरबत्ती जलाकर 600 साल पुरानी चंदन की माला चुराकर उसकी जगह साधारण रुद्राक्ष की माला रख दी। एक दिसंबर को पुजारी बनारसीदास ने मंदिर खोला तो चोरी सामने आई। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि इंडिया से फेमस चीजों को चुराने की योजना थी। उनके अन्य साथी वर्क कर रहे हैं। पकड़े गए लोगों के पास से चोरी की कोई माला बरामद नहीं हुई। इससे पुष्टि होती है कि चोरी की माला कोई और ले जा चुका है।

वाया गोरखपुर भाग रहे थे थाईलैंड

कोलकाता में चोरी के बाद वाराणसी की घटना हुई। इसके बाद वहां की पुलिस ने वाराणसी पुलिस से कांटेक्ट किया। मंदिर में सीसीटीवी फुटेज से आरोपियों की पहचान हो गई। कोलकाता की पुलिस ने एयरपोर्ट सहित अन्य जगहों पर चोरों की तस्वीर लगा दी। इनको पता लगा कि इंडिया के किसी एयरपोर्ट से थाईलैंड जाना संभव नहीं है। इसलिए श्रीचाईं ने नेपाल के रास्ते भागने की योजना बनाई। उसके बाद कुशीनगर होते हुए ये गोरखपुर आ रहे थे। तभी रास्ते में पुलिस ने दबोच लिया। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि काठमांडू से वे आराम से थाईलैंड निकल जाते। हालांकि पुलिस ने उनके पास से चोरी की माला बरामद नहीं कर सकी है। कोलकाता में चोरी के मामले में श्रीचाई ससाराना को कोलकाता पुलिस ले गई है। तीन अन्य को वाराणसी पुलिस के हवाले किया गया है।

गाइड से लेते थे आइडिया

चोरी करने निकले थाई नागरिक पेशेवर चोर हैं या फिर उन्होंने पैसों की लालच में ऐसा किया। इस बात की जानकारी पुलिस को नहीं हो सकी है लेकिन फारेनर होने का फायदा इन लोगों ने खूब उठाया है। घूमने-फिरने के बहाने ये लोग फेमस जगहों पर पहुंचते थे। फिर चोरी के टारगेट वाली चीज के बारे में गाइड से जानकारी लेते थे। गाइड से जानकारी लेने के दौरान ये लोग वहां की अन्य फेमस चीजों के बारे में जानकारी करते थे। छह माह पहले वेलूरमठ में इसी तरह से इन लोगों ने चोरी की थी।

गोरखपुर पुलिस को खली द्विभाषिये की कमी

चोरों के पकड़े जाने की सूचना पर कोलकाता पुलिस गोरखपुर पहुंची। उन लोगों के साथ द्विभाषिया भी था। इसके पहले जब गोरखपुर क्राइम ब्रांच की टीम को यह कामयाबी मिली तो पुलिस हैरान हो गई। तीनों सिर्फ थाई लैंग्वेज बोल रहे थे जबकि एक टूटी फूटी इंग्लिश में बात कर रहा था। कोलकाता पुलिस ने पूरी फर्द इंग्लिश में लिखी है। यहां के दारोगा परेशान हाल नजर आए। लोगों ने चुटकी ली कि जब क्राइम ब्रांच इस तरह का काम कर रही है तो द्विभाषिया टीम में होना चाहिए।

सीसीटीवी फुटेज के सहारे कोलकाता और वाराणसी पुलिस इनको तलाश रही थी। पकड़े गए लोगों के खिलाफ पहले से वारंट था। सूचना के आधार पर क्राइम ब्रांच की टीम ने आरोपियों को अरेस्ट कर लिया। एक को कोलकाता की टीम ले गई है तीन से वाराणसी पुलिस पूछताछ कर रही है। इनके पास से माला बरामद नहीं हुई है।

चंद्रप्रकाश शुक्ला, एसपी क्राइम