चेक गणराज्य के निवासी
चेक गणराज्य के निवासी अलेसहिलिक ने कहा, ‘हम राज्य सरकार और मुख्यमंत्री से हमें किश्तवाड़ से निकालने की अपील करते हैं. हम यहां आठ अगस्त से फंसे हुए हैं और कोई हमारी मदद नहीं कर रहा है.’ अलेसहिलिक अपनी पत्नी मारकेटा के साथ किश्तवाड़ से लद्दाख के जनस्कर इलाके में जाने की तैयारी कर रहे थे. उसी समय किश्तवाड़ में सांप्रदायिक हिंसा भडक़ उठी और शहर में कफ्र्यू लगा दिया गया. अलेसहिलिक ने कहा कि उन्होंने खुद को शहर से बाहर निकालने के लिए अधिकारियों और पुलिस के समक्ष गुहार लगाई, लेकिन किसी ने उनकी मदद नहीं की. उनका कहना है कि वे होटल में बंधक की तरह रह रहे हैं. होटल में खाने का समुचित प्रबंध व अन्य सुविधाएं भी नहीं हैं.

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