-वन मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी जानकारी

-वन्य जीव तस्करी के मामले बड़ी चुनौती

-सरकार उनकी सुरक्षा को लेकर गंभीर हुई

DEHRADUN: राज्य में लगातार बढ़ रहे वन्य जीव तस्करी के मामलों के बाद अब सरकार उनकी सुरक्षा को लेकर गंभीर हो गई है। वेडनसडे को वन विभाग के सभागार में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए वन मंत्री दिनेश अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश की यह प्रचुर वन संपदा एक खुला खजाना है, जिसकी आपराधिक तत्वों से सुरक्षा प्रदेश सरकार व वन विभाग के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती है। मिनिस्टर के मुताबिक सुरक्षा की दृष्टि से विविध कार्रवाई संचालित की जा रही। इस दिशा ने नए प्रयोग भी किए जा रहे हैं। वन कर्मी जल्द ही अत्याधुनिक हथियारों से लैस होंगे।

सुरक्षा के लिए कारगर कदम

मंत्री दिनेश अग्रवाल ने सारा फोकस वन्य जीव सुरक्षा पर रखा। उन्होंने बताया कि फारेस्ट टीम को वेल इक्पि्ड करने के लिए ही केवल दो करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। रिजर्व की क्वीक टीम का भी आंकलन किया जा रहा है और अधिकारी को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं। कौलागढ़ में वन्य जीव प्रशिक्षण केंद्र व रेंज में डोजर युक्त ट्रैक्टर भी लगाए जाएंगे, जिससे खराब हुई सड़कों को बनाने में सहायता मिलेगी। मिनिस्टर ने कहा कार्बेट रिजर्व पार्क में इस समय म्9 बीटे काम कर रही हैं, जिनकी संख्या और बढ़ाने पर विचार चल रहा है।

डेली लेबर का भी ख्याल

डेली लेबर को पूरे वर्ष भर का राशन उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे उनके सामने परिवार का पेट पालने की दिक्कत न हो। राज्य में रेस्क्यू और टाईगर सफारी बनाने के लिए जगह चिन्हित किया जा रहा है। इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस(दक्षिणी सीमा) के जरिए पिक्स की क्वालिटी बेहतर हो गई है, जिसमें और सुधार के लिए पंतनगर विश्वविद्यालय के एक्सप‌र्ट्स की मदद ली जाएगी। इसके अलावा टाईगर रिजर्व के विभिन्न गेट्स हेतु सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरे तत्काल लगाए जाने की कार्रवाई की जानकारी भी दिनेश अग्रवाल ने दी। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पीसीसीएफ एसएस शर्मा व अन्य मौजूद रहे।