आगरा। ताजमहल की नगरी को पर्यावरण के लिहाज से शुद्ध और प्रदूषण मुक्त रखने की जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की है। सुप्रीम कोर्ट तक ने इस संबंध में गाइडलाइन जारी कर रखी हैं। बावजूद इसके शासन-प्रशासन के आला अफसर शिथिलता बरतते नजर आ रहे हैं। खास बात ये है कि मौजूदा सत्र में छह लाख से ज्यादा पौधे रोपे जाने हैं, ताकि आगरा की हवा स्वच्छ रहे और वातावरण हरा-भरा रहे, लेकिन वन विभाग के अफसर इसे हल्के में ले रहे हैं। उन्हें ये तक नहीं मालूम कि कितने फीसद पौधे रोपे गए हैं?

पौधरोपण अभियान शुरू तक नहीं

ताज नगरी में 31 अगस्त तक पौधरोपण अभियान चलना है। इसके अंतर्गत छह लाख 47 हजार 300 पौधे रोपे जाने हैं, लेकिन अभी तक इसको शुरु भी नहीं किया जा सका है। हालांकि अधिकारियों का दावा है कि पौधरोपण का काम चल रहा है, लेकिन अभी तक कितने फीसदी पौधे रोपे जा चुके हैं। इस बारे में उन्हें जानकारी नहीं है।

समीक्षा के बाद मिलेगी जानकारी

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बावजूद पौधारोपण को लेकर अधिकारी कितने गंभीर हैं, ये इस बात से ही पता चलता कि खुद डीएफओ को ये पता ही नहीं कि कितने पौधे रोपे गए हैं। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि दो-तीन दिन समीक्षा के बाद पता लगेगा कि कितना पौधरोपण किया जा चुका है।

काटे जा चुके हैं 12 हजार पेड़

ताज और बाबरपुर आनन्द वन के आसपास तकरीबन 12 हजार पेड़ पहले ही काटे जा चुके हैं। इस मामले में सीएम ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर जांच के निर्देश दिए हैं। टीटीजेड एरिया में बिना अनुमति के पेड़ कटान को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एनजीटी ने केन्द्र व राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है।