- साढ़े पांच करोड़ खर्च करेगा फारेस्ट डिपार्टमेंट

- पिछले साल कहां लगा पौधे, बता नहीं पा रहे कर्मचारी

GORAKHPUR : बारिश का सीजन आते ही फारेस्ट डिपार्टमेंट एक बार फिर प्लांटेशन की तैयारी में लग गया है। इस बार भी जिले में पौधे लगाए जाएंगे। कुछ पौधे फॉरेस्ट डिपार्टमेंट लगाएगा तो कुछ पौधे विभिन्न विभागों की तरफ से लगाए जाएंगे। पिछले साल भी पौधे लगाए गए थे, लेकिन उनका अता- पता नहीं है। ये पौधे सुरक्षित रहे होते तो एक साल में सिटी की सूरत बदली नजर आती। चारों तरफ हरियाली बांहें पसार कर मुस्कुराती नजर आती। फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के अफसरों का कहना है कि पौधे लगाने वाले डिपार्टमेंट्स ही उनकी देखभाल करते हैं।

जिले भर में लगे थे करीब आठ लाख पौधे

वन विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि वर्ष ख्0क्फ्-क्ब् में करीब आठ लाख पौधे लगाए गए थे। वन विभाग की तरफ से इन पौधों को विभिन्न विभागों को दिया गया था। शैक्षणिक संस्थान, पुलिस विभाग, एनजीओ तथा कुछ प्राइवेट सेक्टर के लोग पौधे लगाने को ले गए। पौधों की प्रजाति के अनुसार इनका रेट तय होता है। फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की नर्सरी से पौधों की खरीद की जाती है। वन कर्मचारियों का कहना है कि ट्रांसपोर्टेशन में लापरवाही से करीब ख्0 फीसदी पौधे नष्ट हो जाते हैं।

इतने पौधों से चारों तरफ नजर आती हरियाली

वन कर्मचारियों का कहना है कि जितने पौधे पिछले साल लगाए गए। यदि वे सुरक्षित रहते तो जिले में चारों तरफ हरियाली नजर आती, लेकिन लापरवाही की भेंट चढ़े पौधे लगाने के कुछ ही दिनों बाद सूख जाते हैं। वन कर्मचारियों के अनुसार यदि एक पौधे की न्यूनतम कीमत क्0 रुपए हो तो पिछले साल करीब 8म् लाख रुपए के पौधे लगाए गए थे, लेकिन पौधा लगाने का कोरम पूरा करने के चक्कर में इनकी देखभाल नहीं हो पाती।

इस साल क्या है वन विभाग का टारगेट?

पेड़ों के कटने में मिलने वाले राजस्व से फॉरेस्ट डिपार्टमेंट प्लांटेशन कराता है। गोरखपुर सोनौली हाइवे के कंस्ट्रशन में पेड़ काटने पड़ेंगे। गोरखपुर से लेकर सोनौली तक छोटे- बड़े करीब 8फ्म्0 पेड़ लगे हैं। इन पेड़ों को काटने के लिए पीडब्ल्यूडी ने करीब साढ़े पांच लाख रकम जमा कराई है। फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के अफसरों का कहना है कि इस बार साढ़े पांच करोड़ की रकम प्लांटेशन में खर्च की जाएगी। करीब ब्भ्0 हेक्टेयर में पौधे लगाए जाने की तैयारी हो रही है। एक हेक्टेयर में क्क् सौ पौधे लगाए जाएंगे।

अब औखट लकड़ी के पौधे लगाने पर जोर

जंगलों में साखू और सागौन के पेड़ों की चोरी होने से परेशान फॉरेस्ट डिपार्टमेंट औखट लकड़ी वाले पेड़ों को लगाने पर जोर दे रहा है। एक साल पहले गवर्नमेंट ने इसका आर्डर जारी किया था। वन विभाग की तरफ से पीपल, पाकड़, अर्जुन, अमलतास, नीम, जामुन सहित अन्य प्रजातियों के पौधे लगाने पर जोर दिया जा रहा है। फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के अफसरों का कहना है कि ये पौधे सेफ रहते हैं। इनका डेवलपमेंट भी जल्दी होता है।

लापरवाही भेंट चढ़ जाते हैं पौधे

पर्यावरण संरक्षण को देखते हुए हर साल प्लांटेशन कराया जाता है। लेकिन प्लांटेशन के बाद जिम्मेदार संस्थाएं पौधों को भूल जाती हैं। फोरलेन पर सहजनवां से लेकर जगदीशपुर- कोनी तिराहा तक पौधे गायब हो गए है। फोरलेन के बीच में फूलों के इक्का दुक्का पौधे नजर आते हैं। बांध, नहर, बाग सहित अन्य सार्वजनिक स्थानों पर पौधे लगाए जाते हैं। वन कर्मचारियों का कहना है कि पौधों की देखभाल की जिम्मेदारी लगाने वाले विभागों की होती है। लेकिन पौधे लगाने के बाद संबंधित विभागों के लोग ध्यान नहीं देते। पब्लिक भी इसकी चिंता नहीं करती जिससे पौधे पनपने के पहले मर जाते हैं।

पौधे लगाने वाले विभाग की जिम्मेदारी होती है वे उसकी देखभाल करें। वन विभाग जहां पर पौधे लगाता है। वहां कर्मचारी देखभाल करते हैं। लापरवाही की वजह से पौधों का विकास नहीं हो पाता है। पब्लिक को चाहिए कि जहां पर पौधे लगाए गए हैं उनकी देखभाल में मदद करें।

डॉ। जर्नादन शर्मा, डीएफओ