-आग के चलते वन्य जीवों के आबादी में भागने की आशंका

-सीमा पर बढ़ा दी गई है निगरानी

>DEHRADUN: जहां एक ओर उत्तराखंड के जंगल जल रहे हैं, वहीं दूसरी ओर जंगलों में रहने वाले वन्य जीवों के आबादी में आने की आशंका भी उतनी ही तेज हो गई है। वहीं खतरा इस बात का है कि यदि खूंखार जानवर आबादी तक पहुंचे तो वो आदमखोर हो सकते हैं। ऐसे में वन विभाग ने सीमा पर निगरानी बढ़ा दी है।

आग की चपेट में देहरादून

देहरादून की सीमा में ऐसे काफी क्षेत्र हैं, जो वन्य जीव बाहुल्य है। राजा जी पार्क और देहरादून का काफी हिस्सा आग की चपेट में आ चुका है। अब तक आग की घटनाओं पर नजर डालें तो क्00 से अधिक घटनाएं हो चुकी हैं। ऐसे में आग जंगलों के अंदर बढ़ रही है। राजा जी पार्क में लैपर्ड, टाइगर, हाथी, भालू सहित दर्जनों प्रजाति के वन्य जीव हैं। आग लगने के बाद सभी सुरक्षित स्थान तलाश रहे हैं।

आबादी में आए तो मच सकती है तबाही

जंगलों में बढ़ती आग एक ओर वन संपदा को नुकसान तो पहुंचा ही रही है, वहीं दूसरी ओर एक और बड़ी तबाही को न्योता दे रही है। यदि टाइगर, हाथी, लैपर्ड आबादी की ओर आए तो बड़ी तबाही मच सकती है। क्योंकि जैसे ही टाइगर अपना स्थान बदलेंगे, लैपर्ड जंगलों से बाहर निकल आएंगे। एक बार टाइगर जंगलों से बाहर आया तो उसे वापस जंगल में भेजना आसान नहीं होगा।

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इस समय वन क्षेत्रों में अग्नि आपदा है। पूरे प्रदेश के जंगल आग में जल रहे हैं। ऐसे में वन्य जीवों की निगरानी बढ़ा दी गई है। ताकि सीमा से सटे आबादी में वन्य जीव पहुंचे तो उन्हें रेस्क्यू कर वापस जंगल में लाया जा सके।

--डा.धनंजय मोहन, सीसीएफ वन्य जीव, उत्तराखंड