फर्जी दस्तावेज से पाई थी नौकरी देकर विभाग को दिया था धोखा

पुलिस को चकमा देकर अपने स्थान पर दोस्त को भेजा था जे

फीरोजाबाद : फर्जीवाड़े के उस्ताद शिक्षक आखिर पुलिस की गिरफ्त में आ गया। शिक्षक ने पहले फर्जीवाड़ा करके शिक्षा विभाग में नौकरी पाई। जब शिक्षा विभाग में भंडाफोड़ हुआ तो खुद को जेल जाने से बचाने के लिए रुपयों का लालच देकर मैनपुरी निवासी एक व्यक्ति को अपने नाम से न्यायालय में सरेंडर करा दिया। विवेचक की सजगता से मामले का खुलासा हो गया। पुलिस तभी से जालसाज शिक्षक की तलाश में जुटी हुई थी। होली से एक दिन पहले पुलिस ने इसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

थाना जसराना के गांव नगला जोत इमलिया निवासी हरीमोहन पुत्र चोब सिंह ने फर्जी दस्तावेज कर शिक्षा विभाग में वर्ष 2010 में नौकरी प्राप्त कर ली। वर्ष 2013 में शिकायत हुई और विभागीय जांच में हरी मोहन दोषी पाया गया। विभागीय अफसरों ने उसके खिलाफ धोखाधड़ी समेत कई संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया। जिसके बाद वह फरार हो गया। फर्जीवाड़े के आरोपी शिक्षक ने एक और फर्जीवाड़ा कर पुलिस को चकमा दिया। पुलिस की पकड़ से बचने के लिए उसने अधिवक्ता से सांठगांठ कर 30 जनवरी 2015 को अपनी जगह निर्दोष रामनरेश को रुपयों के लालच में देकर जेल भेज दिया और स्वयं दोषी होते हुए बाहर घूमता रहा, लेकिन विवेचक ने पूछताछ के दौरान शक होने पर जब तहकीकात की तो हरीमोहन के फर्जीवाड़े का खुलासा हो गया।

इस खबर को 12 फरवरी के अंक में दैनिक जागरण ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसके बाद पुलिस हरकत में आई और हरीमोहन व रामनरेश के खिलाफ पुन: धोखाधड़ी समेत संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया। दूसरे दिन न्यायालय ने रामनरेश को रिहा कर दिया, लेकिन पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इसके बाद पुलिस हरीमोहन की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही थी। गुरुवार को पुलिस ने हरीमोहन को उसके घर से दबोच लिया। थानाध्यक्ष दुर्गेश कुमार ने बताया जालसाज हरीमोहन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।