- ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी एथलेटिक्स चैंपियनशिप के लिए टीम के गठन में फर्जीवाड़े का आरोप

- हाई स्कूल के स्टूडेंट पर दूसरे के नाम से रेस में शामिल होने के आरोप

- टीम में शामिल कई अन्य नामों पर भी गहराया विवाद

LUCKNOW :

लखनऊ यूनिवर्सिटी खेलों के साथ 'खेल' बदस्तूर जारी है। मानो यूनिवर्सिटी प्रशासन फर्जीवाड़े की रेस में सबसे आगे निकलना चाहता है। अभी कुछ दिनों पहले कबड्डी टीम के सिलेक्शन को लेकर बवाल शांत भी नहीं हो पाया था कि मंगलवार को एलयू की एथलेटिक्स टीम में प्रशासन ने ऐसा कारनामा कर दिखाया जिसकी उम्मीद भी नहीं थी। टीम में ऐसे खिलाड़ी का सेलेक्शन किया गया है, जिसने लखनऊ यूनिवर्सिटी की एनुअल एथलेटिक मीट में हिस्सा ही नहीं लिया। इस मामले को लेकर लखनऊ जिला एथलेटिक एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मंगलवार को लखनऊ यूनिवर्सिटी के वीसी से मुलाकात कर जांच कराने की मांग की।

हाईस्कूल के स्टूडेंट ने लगाई दौड़

कोयम्बटूर में 10 से 14 जनवरी तक आयोजित होने वाले ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी एथलेटिक टूर्नामेंट में एलयू की टीम भी हिस्सा लेगी। नियमानुसार टूर्नामेंट के लिए एक महीने पहले ट्रायल होने चाहिए थे जबकि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने टीम के गठन के लिए एनुअल एथलेटिक मीट का आयोजन बीते 26 और 27 दिसम्बर में किया और टीम दो जनवरी को घोषित की।

सेलेक्शन में जमकर धांधली

एथलेक्टिस टीम में शामिल खिलाडि़यों ने बताया कि टीम में ऐसी लड़की का सेलेक्शन किया गया है जिसकी 800 और 1500 मीटर में कोई प्लेस ही नहीं थी। टीम में जितेंद्र यादव का नाम डाला गया। जबकि इनकी जगह पर मृत्युंजय सिंह ने दौड़ लगाई थी। खास बात यह कि इस खिलाड़ी को भला वहां दौड़ने की परमीशन कैसे मिली। हाईस्कूल के इस छात्र को आखिर इंटर यूनिवर्सिटी कॉम्पटीशन में खेलने की परमीशन किसने दी। इंटर यूनिवर्सिटी में सिर्फ यूनिवर्सिटी या इससे सम्बद्ध कॉलेजों के छात्र-छात्राएं हिस्सा ले सकते हैं। खिलाडि़यों ने यह भी आरोप लगाया कि गोला फेंक में शामिल मधु वर्मा ने निधार्रित क्वालीफाइंग मानक नहीं पूरा किया गया, लेकिन उन्हें भी टीम में जगह दे दी गई। टीम में शामिल अराधना को पैदल चाल इवेंट के लिए चुना गया है। जबकि आरोप यह है कि इन्होंने 20 की जगह जगह मात्र पांच किमी की दूरी ही तय की। बताते चले लखनऊ यूनिवर्सिटी में आयोजित हुई एनुअल एथलेटिक मीट में पहले दिन ऑफिशियल्स से जमकर बवाल हुआ वहीं दूसरे दिन आक्रोशित खिलाडि़यों ने यहां पर टेंट भी फूंक दिया था।

आरोपों को नकारा

टीम के सेलेक्शन के मामले में जब लखनऊ यूनिवर्सिटी एथलेटिक एसोसिएशन के सचिव देश दीपक से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हम लोगों ने बाहरी ऑफिशियल्स को बुलाकर टाइम निकलवाया था और उसी आधार पर टीम का गठन किया गया। बाहर से आने वाले ऑफीशियल्स में केडी सिंह बाबू स्टेडियम पर खिलाडि़यों को ट्रेनिंग देने वाली कोच विमला सिंह और सत्येन्द्र सिंह शामिल रहे। देश दीपक ने कहा कि टीम मानकों के अनुरूप चुनी गई है। टीम में शामिल इंटरनेशनल एथलीट सुधा सिंह इंडिया कैम्प में हैं, लेकिन उसे टीम में जगह दी गइर्1 है।

टीम के गठन के बाद कई खिलाडि़यों की कम्पलेन मिली कि वह दौड़े नहीं और उन्हें टीम में जगह दे दी गई है। ऐसे लोगों को बाहर किया जाएगा। टीम के सेलेक्शन के लिए बाहर से सेलेक्टर्स बुलाए गए थे उन्हीं की रिपोर्ट के आधार पर टीम गठित की गई है।

देश दीपक

सचिव, एलयू एथलेटिक्स टीम

एथलेटिक टीम में बरती गई अनियमितताओं के मामले को लेकर मंगलवार को मैंने वीसी से मुलाकात की। उन्होंने इस मामले की जल्द ही निष्पक्षपूर्ण जांच कराने का आश्वासन भी दिया है।

- बी आर वरुण

सचिव, लखनऊ जिला एथलेटिक्स एसोसिएशन

कबड्डी के साथ हो चुका है खेल

लखनऊ यूनिवर्सिटी में अभी कुछ दिन पहले ही कबड्डी टीम को लेकर बवाल हुआ था। नार्थ जोन इंटर यूनिवर्सिटी प्रतियोगिता के लखनऊ यूनिवर्सिटी ने ट्रायल ही नहीं करवाया। इसके बाद जब खबर प्रकाशित हुई तो लखनऊ यूनिवर्सिटी ने एक दिन पहले ट्रायल करवाया और आनन-फानन में टीम बनाकर रवाना की गई।