- इस्माईल पीजी कालेज में नेशनल सेमिनार का आयोजन

 

Meerut इस्माईल नेशनल पीजी कॉलेज के गांधी अध्ययन केंद्र में सोमवार को एक दिवसीय नेशनल सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसका मुख्य विषय था प्राचीन भारतीय ज्ञान की वर्तमान भारत में प्रासंगिकता। कॉलेज के सचिव दयानंद गुप्ता व मुख्य अतिथि राजर्षि टंडन के कुलपति प्रो। एमपी दुबे ने दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारंभ किया। डॉ। बीएस यादव ने सभी मुख्य अतिथियों का स्वागत किया।

 

गांधी युग की जरुरत

मुख्य वक्ता प्रो। एमपी दुबे ने कहा कि आज की स्थिति को भांपते हुए एक बार फिर से गांधी युग की जरुरत है, ताकि लोगों के मन में व्याप्त ईष्या को दूर किया जा सके। आज की युवा पीढ़ी को संस्कारवान बनाने की जरुरत है, तभी देश का विकास संभव हो पाएगा। विशिष्ट अतिथि हुए गांधी अध्ययन केंद्र के डिप्टी डॉयरेक्टर डॉ। अनिल दत्त मिश्रा ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी भारतीय विरासत की प्राचीनता को भूल गई है, जिसका मुख्य कारण है स्कूली स्तर पर बच्चों को इतिहास के बारे में जानकारी न प्रदान करना।

 

धैर्य की कमी

प्रसिद्व इतिहासकार डॉ। केडी शर्मा ने गांधी सत्याग्रह पर चर्चा करते हुए प्राचीन भारतीय ज्ञान की उपादेयता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि आज की युवा पीढ़ी में धैर्य समाप्त हो गया है। लोग छोटी-छोटी बातों को मनवाने के लिए धरने-प्रदर्शन करने पर उतारु हो जाते है। जबकि महात्मा गांधी लोगों को सच्चाई के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते थे। वह कहती थे कि कोई भी जंग अहिंसा से नहीं बल्कि सच्चाई व दृड निश्चय से जीती जा सकती है। इसलिए आज एक बार फिर से देश को गांधी के बताए हुए मार्गो पर चलने की जरुरत है ताकि देश में फैली बुराइयों को दूर किया जा सके।

 

प्रस्तुत किए शोधपत्र

कॉलेज प्राचार्या डॉ। इंदू शर्मा ने सभी का आभार व्यक्त किया। समापन पर कार्यक्रम में 6 राज्यों से आए छात्रों ने अपने शोधपत्र प्रस्तुत किए, जिसमें डॉ। जिले सिंह, डॉ। रेनू सक्सेना, डॉ। निवेदिता, डॉ। सीमा, डॉ। नीलिमा आदि मौजूद रहीं। संचालन डॉ। शिवाली अग्रवाल ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ। मजूं गुप्ता, डॉ। मंजूलता, डॉ। शमीम जहरा आदि का योगदान रहा।