- अस्पतालों का इंस्पेक्शन कर केंद्र सरकार को सौंपेगी रिपोर्ट

- जिले के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर न होने और दवाएं न मिलने की हुई थी शिकायत

- समय का अभाव दिखाकर नहीं गए मेडिकल कॉलेज

GORAKHPUR: जिले के सरकारी अस्पतालों की बीमारी डायगनोज करने आई केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम कोरम पूरा कर वापस लौट गई। समय के अभाव का कारण बताकर टीम सबसे सबसे ज्यादा बीमार मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण करने ही नहीं गई। वहीं जिन अस्पतालों में वह इंस्पेक्शन करने पहुंचे, उन्हें पहले ही आने का वक्त बता दिया गया। जिससे जिम्मेदारों को अपनी सारी कमियों को छिपाने का पूरा मौका मिल गया।

महिला अस्पताल में मिली कमी

दिल्ली से आई स्वास्थ्य विभाग की टीम अपने निर्धारित टाइम पर करीब 11 बजे जिला महिला अस्पताल पहुंची। हेल्थ मिनिस्ट्री से आए प्रतीक अस्थाना ने अस्पताल की सफाई व्यवस्था का जाएजा लिया। गर्भवतियों को बैठने संबंधी व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने हेल्थ स्टाफ और पेशेंट्स से दवाओं की उपलब्धता के बारे में जानकारी ली। टीम के दो सदस्यों ने महिला अस्पताल की पैथालॉजी के ब्लड की जांच की। आई नेक्स्ट रिपोर्टर से बातचीत में उन्होंने बताया कि यहां डॉक्टर्स सहित अन्य हेल्थ स्टाफ की कमी है।

जिला अस्पताल में भी कोरम पूरा

जिला अस्पताल की स्थिति जानने लिए इंसेफेलाइटिस वार्ड के आईसीयू में पहुंचते ही टीम ने पहले पेशेंट्स से बात की। डॉक्टर्स के आने और दवाएं मिलने संबंधी जानकारी ली। इस दौरान सभी पेशेंट्स ने डॉक्टर्स के आने और दवाएं मिलने की जानकारी दी। टीम ने केंद्र से मिलने वालों विभिन्न मदों में होने वाले खर्च की भी जानकारी ली। इंसेफेलाइटिस वार्ड के आईसीयू के अलावा टीम ने किसी और वार्ड में जाने की जहमत नहीं उठाई। एसआईसी बी। कुमार ने बताया कि टीम पूरी तरह संतुष्ट थी।

दो सौ का पेमेंट नहीं हुआ

स्वास्थ्य महकमे की टीम को खजनी में एक बड़ा मामला मिला। यहां दो सौ माताओं को जननी सुरक्षा योजना की धनराशि नहीं दी गई। अधिकारियों की मानें तो इस योजना के तहत जननी के खाते में ही रुपए जाने चाहिए। इन जननियों को उनकी सरकारी धनराशि न मिलने का कारण उनका खाता नहीं होना है। केंद्र सरकार के हेल्थ मंत्रालय से डॉ। प्रतीक अस्थाना, डॉ। सोफिया, एनआरएचएम जिला कार्यक्रम प्रबंधक पंकज आनंद सहित करीब आधा दर्जन अधिकारियों अस्पतालों पर जाकर जांच पड़ताल की।