- अर्मापुर थाने के पीछे चापड़ से काट डाला, पिछले महीने ही जेल से छूटा था विजय यादव

- जिसको गोली मारने के आरोप में विजय जेल गया था, उस पर लगाया कत्ल का आरोप

फाेन करके बुलाया गया था
रावतपुर गांव केशव नगर निवासी रिटायर्ड आर्डिनेंस फैक्ट्री कर्मी राम करन यादव का बेटा इंद्र बहादुर उर्फ विजय यादवव(35) फर्नीचर का काम करता था। छोटे भाई वीर बहादुर के मुताबिक विजय बजरंग दल का पूर्व जिला संयोजक भी था और बीजेपी में भी सक्रिय कार्यकर्ता था। वह शाम करीब 4 बजे एक फोन आने के बाद अपनी बोलेरो गाड़ी से निकला था। शाम 6.44 बजे उसे एक फोन आया। फोन करने वाले ने विजय के अर्मापुर थाने के पीछे लहूलुहान हालत में पड़ा होने की जानकारी दी। वह मौके पर पहुंचे तो भाई लहूलुहान हालत में पड़ा था। उसके शरीर पर चोटों के गहरे निशान थे। थोड़ी ही दूरी पर बोलेरो भी खड़ी थी और डॉयल 100 की गाड़ी भी मौके पर पहुंच गई थी।

मरने से पहले बताए 4 नाम
भाई वीर बहादुर के मुताबिक हैलट लाते वक्त बातचीत में विजय ने चार लोग विनय झा उसकी पत्‌नी, विनोद झा और अनूप झा के नाम बताए। इसकी उसने वीडियो रिकार्डिग भी कर ली। हैलट में डॉक्टर्स ने हाथ खड़े कर दिए तो उसे लेकर रीजेंसी हॉस्पिटल पहुंचे, जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया।