-यौन शोषण के आरोप में किए गए थे बर्खास्त

-अपर न्यायायुक्त शिवपाल सिंह की अदालत ने सुनाया फैसला

यौन शोषण मामले को उजागर किया
इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 63 लोगों की गवाही न्यायालय में दर्ज की गई थी। साथ ही बचाव की ओर से 12 लोगों की गवाही हुई। दो अगस्त 2005 को एक खबरिया चैनल ने स्टिंग कर यौन शोषण मामले को उजागर किया था। आरोपी आइपीएस नटराजन के खिलाफ रांची के लोअर बाजार थाने में दुष्कर्म के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इस घटना के बाद से ही आइपीएस नटराजन को नौकरी से हाथ धोना पड़ा था.

एक साजिश के तहत मुझे फंसाया गया था : पीएस नटराजन

अदालत से बरी होने के बाद नटराजन ने कहा कि एक साजिश के तहत मुझे फंसाया गया था। पूरा मामला प्लांट किया हुआ था। सेक्स सीडी व साक्ष्य को गलत तरीके से बनाकर प्रस्तुत किया गया था। अदालत ने पूरे मामले को गंभीरता से लिया और मुझे बरी किया। मैं अब 68 साल का हो गया हूं। नटराजन ने कहा कि वर्ष 2005 में उन्हें आइजी रांची से प्रोन्नति मिलनी थी, तभी एक साजिश रची गई। साजिश किसने रची, इसपर वे कुछ नहीं बोले, सिर्फ इतना ही कहा कि जिन्होंने उन्हें फंसाया, उन्हें वे छोड़ेंगे नहीं। उनके करियर को बर्बाद कर दिया गया। अंतिम दम तक वे न्यायालय में इंसाफ की लड़ाई लड़ेंगे। एक चैनल पर रविवार की शाम पांच बजे खबर चलाई गई थी और दो घंटे के भीतर शाम सात बजे उन्हें निलंबित करने का आर्डर भी पास हो गया। सबकुछ एक साजिश के तहत हुआ। पूरी फैमिली बर्बाद हो गई।

यौन शोषण पीडि़ता व उसकी बहन ने कोर्ट परिसर में ही काटा बवाल
नटराजन के बरी होने के बाद कोर्ट परिसर में मौजूद यौन शोषण की पीडि़ता व उसकी बहन ने कोर्ट परिसर में भी बवाल काटा। मीडियाकर्मियों ने जब उनकी प्रतिक्रिया लेनी चाही तो दोनों बहनें मीडिया पर ही टूट पड़ीं। महिला सिपाहियों के हस्तक्षेप के बाद मामला सलटा। थोड़ी देर के लिए कोर्ट परिसर में दोनों बहनों के कारण अफरा-तफरी जैसा माहौल हो गया था।