- पुलिस ने की लाठी चार्ज, दो दर्जन घायल, दो अरेस्ट

SIWAN/PATNA: बंद पड़ी पचरुखी चीनी मिल की जमीन सीमांकन के विरोध में शुक्रवार की सुबह ग्रामीणों ने एनएच को जाम कर प्रदर्शन किया। उन्होंने पुलिस की मौजूदगी में पिलर गाड़ रहे मजदूरों को ईट-पत्थर से मारकर भगा दिया और प्रशासन के विरोध में नारे लगाए। एनएच पर वाहनों की कतार लगने की सूचना पर डीसीएलआर, सीओ, पुलिस निरीक्षक अनिरुद्ध प्रसाद पुलिस बल लेकर पहुंचे। ग्रामीणों ने हो रहे पक्के निर्माण कार्य को रोकने की कोशिश की तो पुलिस ने लाठी बरसा दी। दो दर्जन महिला-पुरुष घायल हो गए। ग्रामीणों के भागने के बाद अधिकारियों ने पुन: सीमांकन कार्य शुरू करा दिया।

भूमाफिया को कब्जा दिलाने का आरोप

आरोप है कि जिस जमीन पर प्रशासन भूमाफिया को कब्जा दिलाने के लिए किसानों पर लाठियां बरसा रहा है, अभी उसका संबंधित लोगों के पक्ष में म्यूटेशन नहीं हुआ है। जमीन का राजस्व किसान ही दे रहे हैं। दूसरी ओर मामला हाई कोर्ट में लंबित है। प्रखंड परिसर में किसान नेता की गिरफ्तारी के विरोध में ग्रामीण आमरण अनशन पर बैठ गए। इसमें जदयू विधायक पुत्र, त्रिलोकी प्रसाद आदि शामिल थे। थानाध्यक्ष अमित कुमार सिंह ने बताया कि गिरफ्तार दो लोगों को सड़क जाम करने के आरोप में नामजद करते हुए जेल भेजा जा रहा है।

क्या है पूरा मामला

किसानों आरोप है कि पचरुखी चीनी मिल मालिक वीरेंद्र पांडेय ने इस शर्त पर लीज में ली थी कि जब तक कंपनी चलेगी जमीन उनकी मिल्कियत रहेगी। मिल बंद होने पर जमीन किसानों को वापस कर दी जाएगी। 1973 में जब मिल बंद हुई तब उस पर सेंट्रल बैंक छपरा और सिवान का 80 लाख का कर्ज था। बैंक के हाईकोर्ट में केस करने पर मिल मालिक ने स्टे ऑर्डर लेकर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। बैंक के पक्ष में फैसला आने पर बैंक ने जमीन की बिक्री शुरू कर दी। इस पर किसान आक्रोशित हैं। उनका कहना है कि मिल में काम करने वाले एक हजार से अधिक लोगों का भुगतान भी अटका है, वे भी भूमि विक्रय का विरोध कर रहे हैं।