अगली पेशी पर नहीं पेश होने पर वारंट व अन्य प्रॉसेस जारी होंगे

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PRAYAGRAJ: पूर्व मंत्री आजम खां की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। एमपी एमएलए कोर्ट में पेश न होने पर स्पेशल न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने पूर्व मंत्री को चेतावनी दी कि यदि वे अग्रिम तिथि 21 जनवरी को कोर्ट की कार्यवाही में शामिल नहीं हुए तो उनके विरूद्ध नियमानुसार गैर जमानती वारंट व कुर्की की कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।

नहीं हुए कोर्ट में उपस्थित

सोमवार को कोर्ट में पूर्व मंत्री के विरूद्ध तीन मामलों में सुनवाई होनी थी। लेकिन वे कोर्ट के समक्ष उपस्थित नहीं हुए। पहला मामला आचार संहिता के उल्लघंन में भड़काऊ भाषण से संबंधित है। मामला रामपुर जनपद के थाना सिविल लाइंस व टांडा में दर्ज है।

अगली तिथि पर आने का भरोसा

हालांकि इस दौरान पूर्व मंत्री की तरफ से उपस्थित अधिवक्ता ने कोर्ट को दिलासा दिलाया कि अग्रिम तिथि पर वे अवश्य उपस्थित होंगे। इस बात पर कोर्ट ने एक मौका दिया। कोर्ट के अभियोजन अधिकारी ने पूर्व की तिथियों पर कोर्ट से जारी सम्मन की तामीला का प्रयास किया गया किंतु वे उपस्थित नहीं हुए। कोर्ट ने पाया कि अभियुक्त की अनुपस्थित के चलते कोर्ट की कार्यवाही बाधित हो रही है। दूसरी तरफ हाईकोर्ट के निर्देश का पालन भी नहीं हो पा रहा है।

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रीता जोशी की निगरानी याचिका खारिज

विशेष कोर्ट एमपीएमएलए के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने डॉ। रीता जोशी की आरे से दाखिल क्रिमिनल निगरानी याचिका को सुनवाई करते हुए पर्याप्त आधार न होने पर खारिज कर दिया। सोमवार को कोर्ट ने उभयपक्ष की दलीलों को सुनने के बाद अपने निष्कर्ष में पाया कि एसीजेएम लखनऊ का आदेश 22 फरवरी 2015 पुरी तरह से शुद्ध, वैध व औचित्य पूर्ण है तथा क्षेत्राधिकार के अंतर्गत है। निगरानी याचिका खारिज किए जाने योग्य है। अभियुक्त पर आरोप है कि 17 फरवरी 2012 को मोहल्ला बजरंग नगर में डॉ। रीता जोशी आचार संहिता का उल्लघंन करते हुए मीटिंग कर रही थीं। पुलिस ने विवेचना के बाद आरोप पत्र कोर्ट में पेश किया।