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AGRA : देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (93) का एम्स में उपचार के दौरान निधन हो गया। प्रखर वक्ता, कवि हृदय, अजातशत्रु राजनेता के निधन की खबर से ताजनगरी में भी शोक की लहर दौड़ गई। इसके साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री के साथ गुजारे गए पल को भी स्थानीय नेताओं ने याद किया।

सन् 1996 में आए थे आगरा
25 दिसम्बर 1924, ग्वालियर में जन्मे अटल बिहारी वाजपेयी का आगरा के बाह का बटेश्वर पैतृक गांव है। उनके पिता शिक्षक की नौकरी लग जाने पर ग्वालियर में जा बसे। सन् 1996 में वह पहली बार गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री बने। इसके बाद अटल बिजलीघर स्थित रामलीला ग्राउंड में आए। उनको सुनने के लिए तमाम भीड़ उमड़ पड़ी। तब भाजपा जिलाध्यक्ष रहे विजयदत्त पालीवाल बताते हैं कि मंच पर धर्मेश जी संचालन कर रहे थे। तब वाजपेयी ने एक व्यक्ति के महत्व को समझाते हुए मंच से भीड़ को सम्बोधित किया था। उन्होंने कहा कि सत्ता प्राप्त करने के लिए दो कमजोर लोग एक पहलवान को समर्थन दे दें, मैं गलत अनुचित तरीके से प्राप्त सत्ता को चिमटे से भी नहीं छूना चाहूंगा। उस दौरान खचाखच भरे मैदान में पैर रखने तक जगह नहीं बची थी। तब आगरा के सांसद भगवान शंकर रावत हुआ करते थे।

भांग, रामबाबू के पराठे और गोलगप्पे के रहे शौकीन
भाजपा के वरिष्ठ केशो मेहरा बताते हैं कि विराट व्यक्तित्व के धनी अटलजी जब भी आगरा आते तो भांग, रामबाबू के पराठे और गोलगप्पे अवश्य खाते थे। सन् 1977 में वाजपेयी विदेश मंत्री थे। उस दौरान केशो मेहरा युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष थे। सूरकुटी पर कार्यक्रम था। केशो मेहरा ने बताया कि मैंने उनसे पूछा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी भी कहते थे कश्मीर हमारा है। अब आप विदेश मंत्री हैं, आप तो प्रारंभ से कहते आए हैं कि कश्मीर हमारा है। अब कश्मीर को ले लो। तब उन्होंने चिरपरिचित अंदाज में मुस्कुराकर कहा कि भाई मैं जनता पाटी का विदेश मंत्री हूं, जनसंघ का नहीं हूं। केशो मेहरा बताते हैं कि मुझे कई बार उनसे मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उनके आवास पर जाकर भी मिले। वे बड़े सहज भाव से मिलते थे।

दोबारा पीएम बनने पर शुरू की बटेश्वर लाइन
वाजपेयी पहली बार 13 दिन, फिर दूसरी बार 13 महीने तक प्रधानमंत्री रहे। जब वे दूसरी बार प्रधानमंत्री बने तो 6 अप्रैल 1999 को अपने पैत्रक गांव बटेश्वर में रेलवे लाइन का शिलान्यास किया। उस दौरान वे अपने पारिवारिक लोगों से भी मिले। तब गांव को देख वह बचपन की यादों में खो गए। बाद में 16 वर्ष बाद 24 दिसम्बर 2015 को भाजपा की सरकार ने इस रेलवे लाइन का लोकार्पण किया था। इस बारे में भाजपा के वरिष्ठ नेता पुरुषोत्तम खंडेलवाल बतातें हैं कि सन् 1988 में जब भाजपा का राष्ट्रीय अधिवेशन कोठी मीना बाजार में हुआ, तब अटल जी यहां आए थे। उन्होंने बताया कि अटल बिहारी वाजपेयी का आगरा से विशेष लगाव रहा है। उनकी बहन कमला दीक्षित भी आगरा में थीं।

2001 में हुई थी शिखर वार्ता
वर्ष 2001 में जब वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे। उस दौरान कश्मीर विवाद को सुलझाने के लिए 14 से 16 जुलाई तक आगरा में शिखरवार्ता हुई थी। पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज मुर्शरफ के साथ तीन दिन तक वार्ता चली थी, लेकिन वह वार्ता सफल नहीं हो सकी थी।