- जिला अस्पताल में ट्रांसफर हो चुके एसआईसी डॉ। एचआर यादव ने जबरन कब्जाई कुर्सी

- एसआईसी डॉ। डीके सोनकर ने डीएम से की शिकायत, शुरू हुई जांच

GORAKHPUR: जिला अस्पताल में शनिवार को एक साथ दो एसआईसी अलग-अलग कमरों में दिखे तो महकमे के लोग भी चकरा गए। असली एसआईसी कौन, इसे लेकर पूरे दिन हाईप्रोफाइल ड्रामा चलता रहा। मामला डीएम तक पहुंचा तो उन्होंने जांच शुरू कर दी। डीएम ने ट्रांसफर हो चुके एसआईसी को तत्काल जनता दर्शन दरबार में तलब किया और दावे के आधार की कॉपी मांगी। डीएम ने एडी हेल्थ से इस संबंध में बात भी की। एडी ने कहा कि डॉ। एचआर यादव का पहले ही ट्रांसफर हो चुका है। डॉ। डीके सोनकर ही एसआईसी हैं।

यह है मामला

बता दें कि डॉ। एचआर यादव ने 30 सितंबर 2014 को जिला अस्पताल में एसआईसी का पदभार संभाला था। एक जून 2017 को उनका तबादला परिवार कल्याण निदेशालय लखनऊ में हो गया था लेकिन वह ज्वाइन करने की बजाय छुट्टी पर चले गए। इस बीच तीन जून 2017 को एडी हेल्थ ने डॉ। डीके सोनकर को अस्पताल का एसआईसी नियुक्त कर दिया। इसी बीच शनिवार को डॉ। एचआर यादव अचानक जिला अस्पताल पहुंचे और एसआईसी की कुर्सी पर काबिज हो गए। अपने एसआईसी होने के दावे के रूप में हाईकोर्ट के स्थगन आदेश का हवाला दिया।

हटा दिया नेम प्लेट

एसआईसी डॉ। डीके सोनकर तय समय 9 बजे एसआईसी दफ्तर पहुंचे। कक्ष के बाहर दरवाजे पर लगा नेम प्लेट हटा हुआ था। जब कक्ष में प्रवेश किया तो देखा कि ट्रांसफर हो चुके एसआईसी डॉ। एचआर यादव उनकी कुर्सी पर बैठे थे। उनके अगल-बगल कुछ अन्य लोग भी थे। यह देख वे वहां से सीधे जनता दर्शन दरबार पहुंचे। डीएम को इस बारे में जानकारी दी। डीएम के निर्देश पर सीएमओ ने डॉ। एचआर यादव को तलब किया। इस संबंध में डॉ। यादव ने कोर्ट का ऑर्डर होने की बात कही। हकीकत जानने के लिए डीएम ने परीक्षण आदेश की कॉपी मांगी और उसकी जांच के आदेश दिए। साथ ही तब तक डॉ। डीके सोनकर को ही एसआईसी के रूप में कार्य करने का निर्देश दिया।

छोड़ी ही नहीं कुर्सी

डॉ। डीके सोनकर जब पुन: अपने कक्ष में पहुंचे तो डॉ। एचआर यादव कुर्सी पर काबिज मिले। इसके बाद डॉ। सोनकर चिकित्सा अधीक्षक के कक्ष में ही बैठकर अपना काम किए। वहीं डॉ। यादव ने हाईकोर्ट के स्थगनादेश का हवाला देकर एसआईसी कक्ष में बैठकर काम किया। इतना ही नहीं एसआईसी के रूप में अस्पताल का निरीक्षण भी किया। मरीजों को मिल रही सुविधाओं की जानकारी ली।

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रिपोर्टर के सवाल, डॉ। एचआर यादव के जवाब

रिपोर्टर: शासन के निर्देश पर आप का ट्रांसफर अपर निदेशक परिवार कल्याण व स्वास्थ्य महानिदेशालय लखनऊ हुआ है, क्या इसकी जानकारी है?

डॉ। यादव: इसके बारे में हमें कोई जानकारी नहीं है। मैं इस दौरान मेडिकल अवकाश पर था।

रिपोर्टर: एसआईसी कक्ष के बाहर एसआईसी के रूप में डॉ। डीके सोनकर का नाम दर्ज था। यदि आप एसआईसी हैं तो उनका नाम क्यों?

डॉ। यादव: मेरे न रहने पर कौन बोर्ड पर नाम लिखा है, इसकी जानकारी हमें नहीं है।

रिपोर्टर: क्या आपको अपने ट्रांसफर के आदेश की जानकारी नहीं है?

डॉ। यादव: मैं अवकाश पर था इसलिए कोई जानकारी नहीं है। छुट्टी खत्म होने के बाद मैं अपने काम पर लौट आया हूं।

रिपोर्टर: आप के बगल के ऑफिस में एसआईसी डॉ। डीके सोनकर कार्य कर रहे हैं। क्या आप को इसकी जानकारी है?

डॉ। यादव: हमें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है।

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दोनों एसआईसी के पक्ष

मैं मेडिकल अवकाश पर था। स्वस्थ होकर लौटा तो अपना काम संभाल लिया। मेडिकल अवकाश के दौरान ही ट्रांसफर आदेश जारी हुआ था, इस पर कोर्ट से स्थगन आदेश लेकर आया हूं।

- डॉ। एचआर यादव

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डीएम को मामले की जानकारी दी है। उनके निर्देश पर जिला अस्पताल के एसआईसी की जिम्मेदारी संभाल रहा हूं। सुबह ही डॉ। एचआर यादव एक सिपाही और कुछ बाहरी लोगों के साथ कार्यालय में आकर बैठ गए थे। इसके चलते दूसरे कक्ष में बैठकर काम निपटाया।

डॉ। दिनेश कुमार सोनकर

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बॉक्स

किसी की दादागिरी नहीं चलेगी

नियमानुसार जो कुछ है वहीं होगा। किसी के जबरदस्ती कुर्सी पर बैठ जाने से वह एसआईसी नहीं हो जाएगा। शासन के निर्देश के बाद एसआईसी डॉ। एचआर यादव को रिलीव किया जा चुका है। उनकी दादागिरी कत्तई नहीं चलेगी।

डॉ। पुष्कर आनंद, एडी हेल्थ, गोरखपुर