- बिना शर्त के भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है: अरिदमन

- पूर्व मंत्री बोले, बाबूलाल का सहयोग किया है और करते रहेंगे

आगरा। सपा के पूर्व मंत्री व बाह के विधायक राजा अरिदमन सिंह ने कहा कि वे सपा में अपने आपको अपमानित महसूस कर रहे थे। मंत्री पद जाने के बाद वे सपा में अपमान का घूंट पी रहे थे। पार्टी छोड़ने की एक वजह पारिवारिक कलह भी है। 17 से नामाकंन होना है, लेकिन सपा अभी तक विवाद में उलझी है। इससे क्षेत्र की जनता में नाराजगी थी। इसलिए वे भाजपा में शामिल हुए हैं।

सपा के विवाद पर टिप्पणी से इंकार

भाजपा की सदस्यता लेने के बाद रविवार को अपने निवास भदावर हाउस में आयोजित प्रेसवार्ता में राजा अरिदमन सिंह व रानी पक्षालिका ने संयुक्त रूप से कहा कि वे बिना किसी शर्त के भाजपा में शामिल हुए हैं। टिकट देना न देना इसका फैसला पार्टी करेगी। उन्होंने सपा के विवाद पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। कहा कि ये उनका पारिवारिक मामला है। पूर्व मंत्री ने सपा को छोड़ने की मुख्य वजह खुद का अपमान बताया। जब उनसे पूछा गया कि क्या मंत्री पद से हटाने को लेकर नाराज थे, उन्होंने कहा मंत्री पद के अलावा अन्य कई बातें हैं। अब आगे कुछ नहीं कहना है, अब मैं भाजपा में आ गया हूं। वहीं सांसद चौ। बाबूलाल के विरोध के सवाल पर उनका कहना था कि बाबूलाल हमारे सहयोगी रहे हैं। हमने भी समय-समय पर उनको सहयोग प्रदान किया है। हम आपस में आगे भी सहयोग करते रहेंगे। रानी पक्षालिका ने कहा कि अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा पूर्ण बहुमत से आएगी। उन्होंने कहा कि बाह की जनता शुरू से ही राजा साहब के साथ रही है। मोदी लहर में भी राजा साहब अपने दम पर जीते थे। क्या उन्हें खेरागढ़ से टिकट मिलेगी। तो उनका कहना था कि ये निर्णय पार्टी करेगी। इस दौरान डॉ। यादवेन्द्र शर्मा, राव हरेन्द्र सिंह, डॉ। अनुज पाराशर, अनिल शर्मा, आरपी सिंह दिनेश धाकरे आदि मौजूद रहे।

जनता दल के टिकट पर लड़े थे पहला चुनाव

राजा अरिदमन सिंह ने अपने राजनीतिक कॅरियर की शुरुआत 1989 में की थी। वे जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़े थे। वे 10 वीं विधानसभा से 14 वीं तक लगातार विधायक रहे। 15 वीं विधानसभा में चुनाव हार गए। 16 वीं विधानसभा में फिर उन्होंने अपना कब्जा बरकरार रखा। वे 1989 से 1995 तक जनता दल से चुनाव लड़े। इसके बाद 1996 से 2007 तक उन्होंने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा। इसके बाद 2012 में उन्होंने सपा ज्वाइन कर ली।