- प्रदेश में सुधरेगी पोस्टमार्टम की व्यवस्था

- मोहनलालगंज कांड के बाद हर जोन में फारेन्सिक एक्सपर्ट तैनाती के लिए

डीजीपी का निर्देश

ALLAHABAD/LUCKNOW: मोहनलालगंज घटना के बाद प्रदेश सरकार ने प्रदेश के सभी मंडलों में फॉरेन्सिक एक्सप‌र्ट्स तैनात करने का निर्णय लिया है। अब प्रदेश के सभी जोन में एक-एक फॉरेन्सिक एक्सपर्ट होगा। बड़ी घटनाओं पर पुलिस इन एक्सप‌र्ट्स की ओपीनियन लेगी। अभी तक सिर्फ लखनऊ की फॉरेन्सिक लैबोरेटरी में ही एक फॉरेन्सिक एक्सपर्ट की तैनाती थी। जिन्हें डीजीपी के आदेश पर पूरे यूपी में भेजा जाता था।

हर मंडल के लिए अलग एक्सपर्ट

आईजी इलाहाबाद मुथा अशोक जैन ने बताया कि प्रदेश में सभी जोन में फॉरेन्सिक मेडिकल एक्सप‌र्ट्स नामित किए गए हैं। हर मंडल के लिए अलग एक्सपर्ट की सूची दी गई हैं। ताकि कोई केस होने पर हम उनकी सेवाएं ले सकें या उनसे ओपीनियन ले सकें। जरूरत पडऩे पर इन एक्सप‌र्ट्स को पोस्टमार्टम के लिए भी बुलाया जा सकेगा। ताकि सभी साक्ष्य एकत्र किए जा सकें।

वह अकेले तैनात थे

डीजीपी एएल बनर्जी ने मोहनलालगंज कांड के बाद ऑर्डर जारी कर सभी जोन्स में एक एक्सपर्ट तैनाती के आदेश दिए थे। जिसके बाद प्रांतीय चिकित्सा सेवा में तैनात एमडी फॉरेन्सिक साइंस के एक्सप‌र्ट्स को अलग अलग जोन में ड्यूटी के लिए नामित किया गया है। डिप्टी डायरेक्टर मेडिकोलीगल व कंसल्टेंट नार्को फिजीशियन डॉ। जी खान ने बताया कि अभी तक सिर्फ लखनऊ की लैबोरेटरी में वह अकेले तैनात थे। आगरा और बनारस की लैबोरेटरी में एक्सप‌र्ट्स ही नहीं थे। जिसके कारण प्रदेश में कहीं भी कोई बड़ा केस होने पर पीएमएस के सामान्य डॉक्टर ही पोस्टमार्टम करते थे।

ओपीनियन ले सकेंगे

कहीं भी एक्सप‌र्ट्स की सलाह नहीं ली जाती थी। यही से डीजीपी के आदेश से उन्हें भेजा जाता था। डीजीपी के आदेश के बाद सभी आठ जोनों के लिए फॉरेन्सिक एक्सप‌र्ट्स की तैनाती की गई है। इन जोन के अंतर्गत जिलों के एसपी हमारी ओपीनियन ले सकेंगे।

तो न मिल पाते साक्ष्य

मोहनलालगंज कांड, बदायू कांड और सीतापुर की घटना में पोस्टमार्टम के दौरान लखनऊ में फॉरेन्सिक मेडिकोलीगल एक्सपर्ट डॉ। जी खान की सेवाएं ली गईं। अगर इन्हें न बुलाया जाता तो शायद डीएनए सैम्पल, नाखून के सैम्पल, सीमेन सैम्पल न एकत्र हो पाते। लेकिन डॉ। जी खान के अलावा पूरे प्रदेश में एक्सप‌र्ट्स ही तैनात नहीं थे। न ही पोस्टमार्टम के दौरान उनकी सेवाएं ली जाती थी। मोहनलालगंज कांड के बाद डीजीपी एएल बनर्जी ने सभी जोन में एक एक फॉरेन्सिक एक्सपर्ट को नामित करने की व्यवस्था की।

यही एक बड़ा कारण है

दिल्ली, बॉम्बे, हैदराबाद, पंजाब, हरियाणा में पोस्टमार्टम एमडी फॉरेन्सिक मेडिसिन डिग्री धारक ही करता है। सेंट्रल गवर्नमेंट का जीओ है कि एक्सप‌र्ट्स ही पोस्टमार्टम करेंगे। लेकिन यूपी में अभी तक ऐसी व्यवस्था नहीं थी। यहां पर एक्सप‌र्ट्स की भी कमी है और जो हैं भी उनसे फिजीशियन का काम लिया जा रहा है। जिला अस्पतालों में बुखार जुकाम की दवाएं लिख रहे हैं। यूपी में क्रिमिनल्स को सजा न मिल पाने का यह भी एक बड़ा कारण है।

- कौन कहां देगा सेवाएं-

- डॉ। वाईके पाठक- लखनऊ जोन

- डा। एससी मित्तल जेडी मेरठ जोन

- डॉ। जी खान-बनारस व लखनऊ जोन

- डॉ। एके अग्निहोत्री-कानपुर जोन

- डॉ। एपी तिवारी - बरेली जोन के लिए

- डॉ। एसपी राय - गोरखपुर जोन

- डॉ। श्रीवास्तव- आगरा जोन

- डॉ। पाठक को -इलाहाबाद जोन

दो दिन पहले ही डीजीपी कार्यालय से आदेश प्राप्त हुआ है। जिसके बाद शीघ्र ही एक्सपर्ट की तैनाती हो जाएंगी। एक्सपर्ट की तैनाती से जांच के दौरान साइंटिफिक एविडेंस जुटाने में मदद मिलेगी।

मुथा अशोक जैन

आईजी जोन इलाहाबाद