- कौंधियारा के अकोढ़ा गांव में सामने आया हिरन तस्करी का मामला

- गांव के लोगों ने वन विभाग से की थी शिकायत

- इसी गांव के निवासी पर लगाया गया तस्करी का आरोप, वन विभाग ने की लीपापोती

करछना तहसील के कौंधियारा थानांतर्गत अकोढ़ा गांव में हिरन तस्करी का मामला सामने आया है। गांव वालों ने स्थानीय निवासी के घर पर हिरन मौजूद होने की जानकारी वन विभाग को दी थी। शिकायत पर पहुंची टीम ने मामले की लीपापोती करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इससे नाराज गांव वालों ने पुलिस और वन विभाग की मिलीभगत से आरोपी को छोड़ दिए जाने का आरोप लगाया है।

खेत में कैसे पहुंचा हिरन?

अकोढ़ा गांव के लोगों ने सोमवार को वन विभाग से शिकायत की कि गांव के रहने वाले समर बहादुर के घर में दो हिरन मौजूद हैं। इनको तस्करी के उददेश्य से लाया गया है। जानकारी मिलने के बाद विभाग की टीम ने छापा मारकर एक हिरन बरामद कर लिया। गांव वालों का कहना है कि टीम ने हिरन को आरोपी के घर से बरामद किया लेकिन बाद में उसे खेत से बरामद दिखा दिया। यह सब आपसी मिलीभगत से हुआ है। आरोपी को बचाने के लिए वन विभाग और पुलिस ने पूरा ड्रामा रचा है। गांव वालों के मुताबिक वन विभाग ने दूसरे हिरन के बारे में पता लगाने की कोशिश भी नहीं की। उल्टा अधिकारियों का कहना था कि हिरन जंगल से भटक कर गांव में आ गया था। उसे खेत से बरामद किया गया है।

जंगल तो नदी के उस पार है

गांव वालों का कहना है कि अकोढ़ा गांव से बीस किमी की दूरी पर टोंस नदी है। इसके उस पार जंगल का एरिया है। ऐसे में जंगली जानवरों का नदी पारकर आना संभव नहीं है। दोनों हिरन को तस्करी के उददेश्य से गांव में लाया गया था। उन्होंने बताया कि आरोपी की पुलिस से जबरदस्त सांठ-गांठ है। वह गांजा और बीड़ी के पत्तों की भी तस्करी करता है। उसके क्रियाकलाप से पूरा गांव त्रस्त है। वन विभाग के अधिकारियों ने जान बूझकर इस मामले में आरोपी को बचाने की कोशिश की है।

- गांव के लोगों ने घर में दो हिरन बंधे होने की शिकायत की थी। मौके पर पहुंची टीम ने केवल एक हिरन को गांव के खेत से बरामद किया है। दूसरे हिरन का पता नहीं चला। गांव वालों की शिकायत पर मामले की जांच कराई जा रही है। दोषी पाए जाने पर आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा।

डीएफओ, इलाहाबाद