- मानव तस्करी रोकने को हुए सेमीनार में वक्ताओं ने बयां की सच्चाई

-थानों में बनाए बाल कल्याण अधिकारियों को गुमशुदगी की जानकारी दी

Meerut:पुलिस पुलिस लाइन में मानव तस्करी रोकने के लिए शनिवार को आयोजित सेमीनार में वक्ताओं ने सच्चाई बयां की। बताया गया कि जिस्मफरोशी के लिए बेटियों की कीमत चार लाख लगाई जाती है। वहीं काम कराने के लिए म्0 से 70 हजार रुपये में सौदा तय हो जाता है। इस धंधे में जुड़े लोग बेटियों के साथ सामूहिक दुष्कर्म कर उनके अंदर लड़ने की शक्ति को खत्म कर देते है।

मानव तस्करी को रोकना होगा

बचपन बचाओ अभियान के तहत मानव तस्करी को रोकने हेतु शक्ति वाहिनी एच-क्क् सेकेंड फ्लोर हडसन लाइन किंग्सवे कैंप नई दिल्ली ने एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। इसका उद्घाटन डीआइजी के सत्यनारायण ने किया है। इस मौके पर डीआईजी ने कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर मानव तस्करी को रोकना होगा। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता रविकांत ने बताया कि ह्यूमन ट्रैफिकिंग एंड जुवेनाइल जस्टिस एक्ट ख्000 व लैंगिक अपराधों से बालकों के संरक्षण अधिनियम ख्0क्ख् के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने हकीकत को बयां करते हुए कहा कि मेरठ मानव तस्करी के लिए सेफ जोन बनता जा रहा है।

दिल्ली से मेरठ में लाकर बेचा रहा है

दिल्ली से लड़कियों को मेरठ में लाकर सेक्स वर्कर बना दिया जा रहा है। तस्करों को जिस्म फरोशी के लिए चार लाख और अन्य काम के लिए म्0 हजार के करीब कीमत मिल जाती है। इस तस्करी को रोकने के लिए बाल कल्याण अधिकारी कर्तव्य और निष्ठा से काम करें। इस मौके पर, जिला प्रोबेशन अधिकार यतेंद्र कुमार, एसपी ट्रैफिक पीके तिवारी, एएचटीयू प्रभारी रीता शुक्ला समेत सभी थानों के बाल कल्याण अधिकारी मौजूद रहे।