मुदरामुकुंदपुर गांव के पास हुए नाव हादसे में लापता चार लोगों का नहीं लगा सुराग

रविवार की देर रात तक अधिकारियों की मौजूदगी में चला सर्च ऑपरेशन

<मुदरामुकुंदपुर गांव के पास हुए नाव हादसे में लापता चार लोगों का नहीं लगा सुराग

रविवार की देर रात तक अधिकारियों की मौजूदगी में चला सर्च ऑपरेशन

ALLAHABAD@inext.co

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ALLAHABAD: मेजा के मुदरामुकुंदपुर गांव के पास शनिवार को गंगा नदी में हुए नाव हादसे में लापता चार लोगों का सुराग दूसरे दिन भी नहीं लगा। उनकी तलाश में रविवार को करीब पंद्रह किलोमीटर तक चलाए गए सर्च ऑपरेशन में पुलिस व गोताखोरों की टीम देर रात तक जुटी रही। टीम ने नाव के साथ डूबी पांच बाइक व तीन साइकिलों को बरामद कर लिया है। इस दौरान सीडीओ सैमुअल पाल एवं एडीएम आरए महेंद्र राय भी मौके पर मौजूद रहे।

पंद्रह किलो मीटर तक हुई तलाश

बता दें कि शनिवार की शाम लगभग सात बजे मुदरामुकुंदपुर गांव के पास गंगा क्भ् लोगों से भरी नाव डूब गई थी। नाविकों व ग्रामीणों ने नाव में सवार क्क् लोगों को बचा लिया था। जबकि चार लोगों का पता नहीं चला था। नाव में पांच मोटर साइकिल व तीन साइकिल भी थी। भिंगारी गांव निवासी संदीप कुमार मिश्र पुत्र जटा शंकर, चोरबना गांव निवासी विकास कुमार पटेल पुत्र विजय कुमार पटेल, धीरज सिंह पुत्र अजय कुमार ओनौर के परिजन विलखते हुए उनकी तलाश में रविवार को घाट पर पहुंचे। लापता चौथे व्यक्ति के बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है। बताते हैं कि भिंगारी गांव के संदीप कुमार पुत्र जटा शंकर बनारस में एक निजी कंपनी में काम करते हैं। शनिवार को छुट्टी होने के बाद वह घर लौट रहे थे। गंगा में नाव पलटने के बाद से वे भी लापता हैं। जानकारी होते ही उनके परिजनों में कोहराम मच गया संदीप कुमार की पत्नी रेखा एवं दो छोटे छोटे बच्चे बैभव एवं दिव्या सहित परिवार के अन्य लोगों का रो रो कर बुरा हाल है।

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पिता के सामने डूब गया बेटा

मेजा थाना क्षेत्र के चोरबना गांव निवासी विजय कुमार पटेल का इकलौता पुत्र विकास कुमार पटेल (ख्8) बरौत स्थित बैंक आफ बड़ौदा में कैशियर के पद पर तैनात है। रविवार को अवकाश होने के कारण वह शनिवार की शाम को बरौत से घर के लिये रवाना हुआ। देर हो जाने के कारण वे स्टीमर से गंगा पार करके घर जा रहा था। वह अपने पिता को फोन कर मदरा मुकुंदपुर गंगा घाट पर बुला लिया था। शाम करीब छह बजे वह पिता को फोन करके बताया कि आप घाट पर ही रहिए। पिता विजय कुमार घाट पर विकास कुमार का इंतजार करने लगा। नाव मदरा मुकुंदपुर घाट पर पहुंचने वाली थी तभी विकास कुमार ने फिर पिता को फोन करके बताया कि नाव डूब रही है और अब वह नहीं बचेगा। उसके इतना कहते ही नाव में सवार लोगों के बीच बचाओ बचाओ की आवाज गूंजने लगी। अपनी आंखों के सामने बेटे को डूबते हुए देख पिता शोर मचा कर ग्रामीणों को बुलाने लगा।

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युवकों की नासमझी से हुआ हादसा

वेंकटेश कुमार की नाव मछली मारने के लिये बनाई गई थी। बताते हैं कि ऐसी नाव में अक्सर कुछ छेद होते हैं ताकि नाव में पानी भरता रहे और मछलियां जिंदा रहें। वह नाव जब बीच गंगा में पहुंची तो ओवरलोड होने के कारण उन्हीं छिद्रों से नाव में पानी भरने लगा। इस पर वेंकटेश चप्पू चलाने के साथ नाव से पानी भी निकालने लगा। ऐसे में नाव डगमगाने लगी। नाविक वेंकटेश लोगों को समझाता इसके पहले नाव पर में सवार तीन युवकों ने गंगा में छलांग लगा दी। जबकि नाव घाट से काफी दूर थी।