नवाबगंज कांड के पीडि़तों को बयान तक ही सीमित है मदद

<नवाबगंज कांड के पीडि़तों को बयान तक ही सीमित है मदद

FIR FIR से इतर एक कदम भी आगे नहीं बढ़ी है पुलिस जघन्य घटना के खुलासे की तरफ

<से इतर एक कदम भी आगे नहीं बढ़ी है पुलिस जघन्य घटना के खुलासे की तरफ

प्रशासन और पुलिस संवेदनहीन हो गई है या व्यवस्था ने उनके पैरों में बेड़ी डाल दी है? इसका तो पता नहीं लेकिन, नवाबगंज में दस दिन पहले हुई एक ही परिवार के चार सदस्यों की जघन्य हत्या में शासन की मदद बयानों तक सीमित है और पुलिस का प्रयास नामजद आरोपितों की गिरफ्तारी तक। हत्या क्या नामजद आरोपियों ने ही की? रंजिश थी तो इतनी गहरी कैसे हो गई कि क्रूरता की हदें पार हो गई। रेप करने वाला जेल जा चुका है तो क्या डीएनए टेस्ट के लिए सैंपल लेकर जांच की गई? इसमें से किसी भी सवाल का जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है। पुलिस और प्रशासन के रवैये से तंग भाई ने पीएम और सीएम से मिलकर न्याय की गुहार लगाने का फैसला लिया है। इसके लिए दोनों से टाइम लेने की कोशिशें जारी हैं।

ख्ब् अप्रैल को सामने आया था मामला

नवाबगंज के जुड़ापुर गांव के रहने वाले मक्खन लाल गुप्ता, उनकी पत्‍‌नी और दो बेटियों की ख्फ् अप्रैल की रात एक साथ हत्या कर दी गई थी। पोस्टमार्टम में एक बेटी के साथ रेप का भी मामला सामने आया था। परीक्षा देने के लिए प्रतापगढ़ में होने के चलते बेटा रंजीत और पढ़ाई के चलते शिमला में होने की वजह से बड़ी बेटी बबिता जिंदा बच गई थीं। घटना के बाद घर लौटे रंजीत ने हत्या की आशंका गांव के ही रहने वाले पांच लोगों पर पुरानी रंजिश के चलते जताई। पुलिस ने इन सभी को चालान करके जेल भेज दिया। हालांकि, मृतक के परिजनों को सांत्वना देने के लिए पहुंचे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह, भाजपा सांसद श्यामा चरण गुप्ता ने कहा था कि पुलिस सही आरोपियों को जेल भेजने में कोई कोताही नहीं करेगी। डिप्टी सीएम ने आर्थिक मदद के साथ योग्यता के अनुसार नौकरी दिलाने में भी मदद करने का वादा किया था। लेकिन, किसी भी एक मामले में एक कदम भी कार्रवाई आगे नहीं बढ़ी है। इस स्थिति ने रंजीत और बबिता को बेचैन कर दिया है। इसीलिए अब उन्होंने सीधे सीएम आदित्यनाथ और पीएम नरेन्द्र मोदी से मिलकर अपनी बात रखने का फैसला लिया है।

नवाबगंज कांड के पीडि़तों के साथ ज्यादती कर रहा है प्रशासन: पंकज रॉय

नवाबगंज में एक ही परिवार के चार सदस्यों की हत्या और उनके शव के साथ बर्बरता क्रूरता की पराकाष्ठा है। इसके बाद भी प्रशासन इस परिवार के साथ इंसाफ नहीं कर पा रहा है। यह प्रशासन की ज्यादती है। यह कहना है कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के वाइस चेयरमैन पंकज रॉय का। मंगलवार को उन्होंने मीडिया को जारी बयान में कहा कि मां-बाप और बहनों की हत्या कर दिए जाने के बाद इंसाफ की गुहार लगाने को जिंदा बचे भाई-बहन का सड़क पर उतरना शर्मनाक है। प्रदेश सरकार के नेता बयानबाजी करके चले गए और दिया कुछ नहीं। श्री रॉय ने कहा कि इतनी बड़ी घटना के बाद परिवार के सदस्यों को विधि-विधान से श्राद्ध कर्म करने का मौका न देना प्रशासन की ज्यादती है। कांग्रेस इस दु:ख की बेला में पीडि़तों के साथ है और उन्हें न्याय दिलाने के लिए हर संभव मदद करेगी।