चार नये मंत्री, छह का प्रमोशन

-गायत्री प्रजापति समेत पहले बर्खास्त हो चुके मनोज पांडेय ओर शिवाकांत ओझा भी कैबिनेट में

- यासर शाह, अभिषेक मिश्र समेत छह को प्रमोशन

LUCKNOW (26 Sept): राज्य सरकार ने चुनावी गुणा-भाग को ध्यान में रख सोमवार को अपने आठवें मंत्रिमंडल विस्तार में दस कैबिनेट मंत्री बनाए। पहले से तय गायत्री प्रजापति और जियाउद्दीन रिजवी के अलावा दो ब्राह्माण चेहरों को सरकार में शामिल किया गया, वहीं छह राज्य मंत्रियों को सीधे कैबिनेट में प्रोन्नति की सौगात दी गयी। सभी दस मंत्रियों को राज्यपाल राम नाईक ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस दौरान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के अलावा सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव, पार्टी प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव भी मौजूद थे।

चार नये मंत्री बने

मंत्रिमंडल विस्तार में चार नये मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई गयी। करीब आधा घंटा देरी से शुरू कार्यक्रम में सबसे पहले से नामित मंत्री जियाउद्दीन रिजवी को शपथ दिलाई गयी। इसके बाद गायत्री प्रजापति की दमदार तरीके से मंत्रिमंडल में वापसी हुई। तीसरा नाम रायबरेली के मनोज कुमार पांडेय का रहा, उनके बाद शिवाकांत ओझा ने भी शपथ ली। तत्पश्चात तीन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और तीन राज्य मंत्रियों को सीधे कैबिनेट में शामिल करते हुए कद बढ़ाया गया। इनमें रियाज अहमद, यासर शाह, रविदास मेहरोत्रा तथा अभिषेक मिश्रा शामिल थे। अंत में नरेंद्र वर्मा और शंखलाल माझी को भी कैबिनेट मंत्री की शपथ दिलाई गयी।

ज्यादातर चेहरे मुलायम के करीबी

पार्टी सूत्रों की मानें तो शपथ लेने वाले दस में से आठ मंत्री पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव के करीबी माने जाते हैं। वहीं कौशल विकास राज्यमंत्री अभिषेक मिश्रा और परिवहन राज्य मंत्री यासर शाह को मुख्यमंत्री का करीबी होने की वजह से कैबिनेट में जगह मिल सकी। पहले बर्खास्त हो चुके मनोज पांडेय, शिवाकांत ओझा, गायत्री प्रजापति का फिर मंत्री बन पाना मुलायम की वजह से ही संभव हो सका। रविदास मल्होत्रा, मत्स्य राज्य मंत्री हाजी रियाज अहमद के अलावा स्वास्थ्य राज्य मंत्री शंखलाल माझी और समाज कल्याण राज्यमंत्री नरेंद्र वर्मा भी इसी फेहरिस्त में शामिल हैं। ऐसा पहली बार हुआ है जब इतने बड़े पैमाने पर मंत्रियों को प्रमोशन देकर कैबिनेट में शामिल किया गया हो। मार्च 2012 में सपा सरकार बनने के बाद कुल 17 कैबिनेट मंत्री बनाए गये थे। हालिया मंत्रिमंडल विस्तार के बाद यह संख्या बढ़कर 33 हो गयी है।

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लखनऊ से दो कैबिनेट मिनिस्टर

जब सरकार बनी थी उस समय लखनऊ से सिर्फ अभिषेक मिश्र को मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल में शामिल किया था। उन्हें राज्य मंत्री बनाया गया था। अभिषेक मिश्रा लखनऊ उत्तरी सीट से विधायक हैं। पिछले विस्तार में लखनऊ मध्य से विधायक रविदास मल्होत्रा को सीधे स्वतंत्र प्रभार के मंत्री के रूप में शपथ दिलायी गयी थी। चार महीने में ही उन्हें प्रमोट कर स्वतंत्र प्रभार से कैबिनेट मंत्री बना दिया गया। बता दें कि लखनऊ के सरोजनीनगर से विधायक शारदा प्रताप शुक्ल हायर एजुकेशन में राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार हैं।

1. गायत्री प्रजापति

अमेठी निवासी गायत्री ने चौथी बार मंत्री पद की शपथ ली। विगत 12 सितंबर को अचानक खनन मंत्री के पद से बर्खास्त किया गया था। मुलायम के पास गुहार भी लगाई थी।

2. मनोज कुमार पांडेय

रायबरेली के मनोज पांडेय विगत 27 जून को बर्खास्त किया गया था। मुलायम से करीबी ने मंत्रिमंडल ने दोबारा जगह दिलाई है। पार्टी में ब्राह्माण चेहरे के रूप में पहचान बनाई।

3. जियाउद्दीन रिजवी

बलिया के जियाउद्दीन रिजवी का मंत्री बनना सबसे दिलचस्प है। कौमी एकता दल से विलय तोड़ने के बाद मुस्लिमों की नाराजगी को दूर करने के लिए उन्हें मंत्री बनाने का फैसला लिया गया था।

4. शिवाकांत ओझा

प्रतापगढ़ के शिवाकांत ओझा को 11 महीने पहले शिकायतें मिलने पर बर्खास्त किया गया था। चुनावी दौर में दोबारा मंत्री बनाकर ब्राह्माण वोट बैंक साधने की कोशिश की गयी है।

5. अभिषेक मिश्र

राजधानी से विधायक अभिषेक मिश्रा को कौशल विकास विभाग में बेहतर काम करने का इनाम मिला। उन्हें मुख्यमंत्री का करीबी भी माना जाता है। ब्राह्माण होने का फायदा भी उठाया।

6. यासर शाह

बहराइच के यासर शाह ने परिवहन विभाग में कई नये प्रयोग किये। स्वभाव से मुखर यासर को मुख्यमंत्री का करीबी माना जाता है। उनके पिता वकार शाह मुलायम के करीबी हैं।

7. रविदास मेहरोत्रा

राजधानी के रविदास मेहरोत्रा अक्सर सरकार के लिए ही मुसीबत का सबब बन जाते हैं। बावजूद इसके पहले उन्हें राज्यमंत्री बनाया गया और आज कैबिनेट में शामिल कर लिया गया।

8. रियाज अहमद

पीलीभीत के रियाज अहमद का यह दूसरा प्रमोशन है। ग्यारह महीने पहले ही राज्य मंत्री से स्वतंत्र प्रभार मंत्री बन चुके हैं। तराई इलाके में पकड़ मजबूत करने को कैबिनेट मंत्री बनाया गया।

9. शंखलाल माझी

अंबेडकरनगर के शंखलाल माझी को मुलायम का करीबी माना जाता है। पिछले मंत्रिमंडल विस्तार में प्रमोशन भी पा चुके हैं। अनुसूचित जातियों में अच्छा संदेश देने के मकसद से प्रोन्नत किया गया।

10. नरेंद्र वर्मा

सीतापुर के नरेंद्र वर्मा भी मुलायम के करीबी माने जाते है। उन्हें कैबिनेट में शामिल कर सपा ने कुर्मी वोट बैंक साधने की कोशिश की है। बेनी वर्मा के वक्त पार्टी का सबसे पुख्ता वोट बैंक था।

अखिलेश मंत्रिमंडल

कैबिनेट मंत्री- 33

राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार-9

राज्य मंत्री- 18

कुल: 60