लापरवाही में रूरा के ऑन डयूटी स्टेशन मास्टर, ट्रैफिक इंस्पेक्टर समेत चार सस्पेंड

28 दिसंबर को सियालदह एक्सप्रेस हुई थी डिरेल, रेलवे को लगी थी अरबों रुपये की चपत

ALLAHABAD: सावधानी हटी और दुर्घटना घट गई। दिल्ली-हावड़ा रूट पर रूरा स्टेशन पर पास सियालदह एक्सप्रेस के डिरेल होने का एक मात्र यही कारण था। इसमें रेलवे को अरबो की चपत लग गई और दर्जनो यात्रियों को अस्पताल पहुंच जाना पड़ा। जांच में यह तथ्य सामने आने के बाद उन कर्मचारियों को चिन्हित कर लिया गया है, जो इसके जिम्मेदार थे। इन सभी को जीएम एनसीआर से सस्पेंड करने का आदेश दे दिया है।

जीएम ने जांच रिपोर्ट पर लिया फैसला

ड्यूटी के दौरान एलर्ट न रहने और लापरवाही बरतने के आरोप में जीएम एनसीआर अरुण सक्सेना ने चार रेल अधिकारियों व कर्मचारियों को सोमवार की देर रात सस्पेंड कर दिया। 28 दिसंबर को सियालदह-अजमेर एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतरने के लिए इन्हें दोषी पाया गया। इन्होंने रेलवे पटरी टूटी होने के बाद भी तत्काल एक्शन नहीं लिया। नतीजा हादसा हो गया। जिन अधिकारियों को सस्पेंड किया गया उनमें रूरा के ऑन ड्यूटी स्टेशन मास्टर महेश कुमार वैश्य, ट्रैफिक इंस्पेक्टर धरम सिंह मीना, सीनियर सेक्शन इंजीनियर-अल्ट्रा सोनिक फाल्ट डिटेक्शन एसके वर्मा, एसएसई कानपुर देहात आरपी सिंह शामिल हैं।

घायल हुए थे दर्जनों पैसेंजर

28 दिसंबर को सियालदह-अजमेर एक्सप्रेस के डिरेलमेंट से ट्रेन के 15 डिब्बे पटरी से उतर गए थे। दो डिब्बा नहर में गिर गया था। इसकी वजह से ट्रेन में सवार करीब 60 से अधिक यात्री गंभीर रूप से घायल हुए थे। इस घटना में किसी यात्री की जान नहीं गई, लेकिन नुकसान बहुत हुआ। रेलवे को करोड़ों रुपये का घाटा हुआ। करीब तीन दिन तक दिल्ली-हावड़ा रूट बुरी तरह डिस्टर्ब रहा। दर्जनों ट्रेनें कैंसिल हुई और दर्जनों ट्रेनों को रूट डायवर्ट करके भेजना पड़ा। इसके चलते हजारों पैसेंजर्स को परेशानी उठानी पड़ी।

रेलवे में सतर्कता का विशेष महत्व है। सतर्कता में लापरवाही बर्दास्त नहीं की जा सकती। जांच में रेलवे अधिकारियों व कर्मचारियों की लापरवाही सामने आई है। इसके आधार पर कार्रवाई की गई है।

विजय कुमार

सीपीआरओ, एनसीआर