- वेव इंडस्ट्री ने चार चीनी मिलें वापस करने के एवज में मांगी मोटी रकम

- कंपनी ने किया दावा, मिलें खरीदने और वीआरएस देने में खर्च हुई रकम

ashok.mishra@inext.co.in

LUCKNOW:

बसपा सरकार ने जिन सरकारी चीनी मिलों को मामूली कीमत में बेच दिया गया था अब उन्हें वापस लेने के लिए हजारों करोड़ रुपये चुकाने पड़ सकते हैं। नेताओं, अफसरों और शुगर लॉबी की मिलीभगत से कौडि़यों के भाव बेची गयी ये मिलें बीते आठ साल में बेशकीमती बन चुकी हैं। चार चीनी मिलें खरीदने वाली वेव इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड ने राज्य सरकार को भेजे अपने पत्र में इन्हें वापस करने के बदले में 16,459 करोड़ रुपये की मांग की है। कंपनी का दावा है कि चीनी मिलें खरीदने, संचालित करने और कर्मचारियों को वीआरएस देने में बीते आठ साल के दौरान यह रकम खर्च की गयी है। फिलहाल वेव इंडस्ट्रीज के प्रस्ताव को लेकर उप्र स्टेट शुगर कॉरपोरेशन ने कोई निर्णय नहीं लिया है।

कबाड़ के बराबर कीमत भी नहीं मिली

बसपा सरकार में बेची गयी 21 चीनी मिलों की सीएजी जांच रिपोर्ट की मानें तो इस दौरान चीनी मिलों की अरबों रुपये भूमि की कीमत तो छोडि़ए, कबाड़ बन चुकी मशीनों के बराबर रकम भी सरकार के खजाने तक नहीं पहुंची थी। इसके अलावा इन मिलों की मशीनें, फैक्ट्री के अन्य सामान, प्रशासनिक कार्यालय की इमारतें, चीनी के गोदाम कर्मचारियों के लिए बनाई गयी कॉलोनियों की कीमत भी न के बराबर ली गयी थी। वहीं 25 फीसद स्टांप ड्यूटी माफ करके कंपनियों को अतिरिक्त फायदा भी पहुंचाया गया था। खास बात यह है कि सीएजी की रिपोर्ट के मुताबिक 21 चीनी मिलें खरीदने वाली ज्यादातर कंपनियां आपस में जुड़ी हुई हैं। सूबे में सत्ता परिवर्तन के बाद योगी सरकार ने जब इन चीनी मिलों की बिक्री की जांच सीबीआई से कराने का निर्णय लिया तो वेव इंडस्ट्रीज ने चार चीनी मिलों को वापस करने की पेशकश तो की लेकिन बदले में 16,459 करोड़ रुपये भी मांग लिए।

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दस साल पहले थीं 38 चीनी मिलें

वर्ष 2007-08 में चीनी निगम के पास 35 मिलों का मालिकाना हक था। चीनी सहकारी संघ के पास 28 मिलें थीं जबकि 93 मिलें निजी हाथों में थीं। चीनी निगम तब अस्तित्व में आया जब बड़ी संख्या में घाटे में चल रही चीनी मिलों का राष्ट्रीयकरण किया गया। सरकारी क्षेत्रों की चीनी मिलें, जिनका स्वामित्व उप्र चीनी निगम लिमिटेड के पास है, घाटे में ही चल रही थीं। मायावती सरकार ने चीनी मिलों को आधे से कम दामों में बेचने का विज्ञापन भी जारी कर दिया। शुरुआत में करीब 40 कंपनियों इसकी बोली लगाने की कवायद भी की। इनमें देश के कई नामी-गिरामी ग्रुप भी शामिल थे। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में चीनी निगम के अधीन केवल 11 मिलें हैं जिनमें से दस विभागीय वेबसाइट के मुताबिक बंद चल रही हैं।

चीनी मिल इतने में बिकीं वेव ने बताई कीमत वीआरएस टोटल (करोड़ में)

अमरोहा 17.00 1394.00 675.00 2069.00

बिजनौर 101.25 5016.00 1298.00 6314.00

सहारनपुर 35.85 3162.00 1509.00 4671.00

बुलंदशहर 29.75 2199.00 1206.00 3405.00

टोटल 183.85 11771.00 4688.00 16459.00

(आंकड़े सीएजी रिपोर्ट और वेव इंडस्ट्रीज द्वारा राज्य सरकार को भेजे पत्र के मुताबिक)