तैनात किए गए कांस्टेबल्स सुस्त

हादसे के पीछे का मूल कारण भी सिक्योरिटी के लिए यहां तैनात किए गए कांस्टेबल्स की सुस्ती ही है। क्योंकि अमूमन वसूली में मस्त रहने वाले कांस्टेबल सिक्योरिटी में सुस्ती बरतते हैं। पटना सिटी सिविल कोर्ट में एक एसआई, दो एएसआई, 18 मेल व पांच फिमेल कांस्टेबल की तैनाती है। इनमें कुछ का काम कैदियों को इजलास में पेशी के लिए ले जाने व लाने का है तो शेष कैदियों के परिजनें से सामान अंदर हाजत में भेजने व अधिक देर तक मुलाकात कराने के एवज में वसूली करते देखे जा सकते हैं। कोर्ट के एंटर प्वाइंट व हाजत के बाहर में अलग से सिक्योरिटी के लिए सैप की तैनाती है।

पहुंचाते हैं इललीगल लाभ

इतनी अधिक संख्या में पुलिस ऑफिसर व कांस्टेबल की तैनाती के बाद भी अंदर में कम लेकिन बाहर में अधिक पुलिस वाले कैसे दिख जाते हैं। इसके पीछे का कारण कैदियों को इललीगल तरीके से लाभ पहुंचाने के एवज में उगाही ही है। यही नहीं कैदियों को संबंधित कोर्ट में पेशी करा कर लौटने के दौरान उसके परिजनों से एकांत में बात कराने के लिए भी पुलिस वाले जेब गर्म करते हैं।

कटे पेड़ के सहारे भागे

पुलिस की मानें तो हाजत के बरामद के गेट को बंद कर उसमें हथकड़ी की मदद से लॉक किया गया था। जिस हथकड़ी की मदद से लॉक किया गया था वह पुराना व खराब था। भागने के लिए कैदियों ने इसी का लाभ उठाया। कैदियों ने एक झटके में उस ताले को तोड़ डाला और बाउंड्रीवाल से सटे कटे हुए पेड़ की जड़, जिसकी ऊंचाई करीब तीन फीट होगी, के सहारे भाग निकले। कैदी हाजत में एसआई रमाकांत उपाध्याय, एएसआई अजय श्रीवास्तव, नंदकिशोर चौधरी, दो हवलदार के अलावा 18 कांस्टेबल व पांच फिमेल कांस्टेबल की तैनाती थी। घटना के बाद आलमगंज, खाजेकलां व अगमकुआं थाना के एसएचओ, सदर डीएसपी मो। मुत्तफिक अहमद और सिटी एसपी जयंतकांत पहुंचे। सबों ने कैदियों, पुलिस ऑफिसरों व कांस्टेबल से पूछताछ कर जायजा लिया।

महिलाओं ने मचाया शोर

पटना सिटी सिविल कोर्ट गायघाट व शेरशाह रोड को जोडऩे वाला लिंक रोड पर स्थित है। कोर्ट में एडवोकेट, मुवक्किल की भीड़ है। इस बीच बेऊर व पटना सिटी उपकारा से कैदियों को पेशी के लिए लाया जाता है। बारी-बारी से कैदियों को संबंधित कोर्ट में पेशी के लिए ले जाया जाता है। इसी बीच मार्निंग करीब 10 बजे चार कैदी अचानक गेट में लगे हथकड़ी वाले ताले को तोड़ कर भाग जाते हैं। जब कैदी दीवार फांद रहे थे उस वक्त छत पर खड़ी महिलाओं ने शोर मचाया। आवाज सुनकर कांस्टेबल हरकत में तो आए, लेकिन तब तक चारों कैदी भाग चुके थे। भागने वाले में धर्मवीर सिंह, शेष कुमार, अख्तर उर्फ भंटा व शाहिद है। धर्मवीर सिटी उपकारा से व अन्य तीनों बेऊर जेल से लाया गया था।

फरार होने वाले कैदी

1. धर्मवीर सिंह उर्फ साव (35 वर्ष) पिता कारू सिंह, नुरुद्दीनगंज, स्थायी पता-बख्तियारपुर, ग्राम रुपस मोहाजी। मालसलामी थाना कांड 236/12.

2. शेष कुमार पिता जानकी सिंह, सोनामा। आलमगंज थाना कांड 155/12.

3. अख्तर उर्फ भंटा पिता मो। उस्मान, पता- छपरा के भगवानगंज थाना के करंगा कोठी, वर्तमान में पालकीखाना दरगाह, सुल्तानगंज थाना कांड 116/12.

4. शाहिद पिता मो। भल्लू, दरगाह रोड, सुल्तानगंज थाना कांड 116/12.