- ओरमांझी में कर्ज में डूबे किसान ने जहर खाकर किया सुसाइड

- जहर खाने के बाद मेदांता में चल रहा था इलाज

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कब-कब किसानों ने दी जान

0 जून 2017 - पिठोरिया के सेमरबेड़ा गांव में किसान कलेश्वर महतो ने खेत में ही फांसी लगा ली।

15 जून 2017 - पिठोरिया के सुतियांबे गांव में किसान बलदेव महतो ने खेत के कुएं में कूद कर जान दे दी।

26 जून 2017 - लोहरदगा के डुमर टोली गांव में किसान डोमन उरांव ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली।

02 जुलाई 2017 - ओरमांझी के बिजांग गांव में किसान राजदीप नायक ने जहर खाकर खुदकुशी कर ली।

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>ranchi@inext.co.in

RANCHI (2 July) : रांची और आसपास कर्ज के बोझ तले दबे किसानों की आत्महत्या का सिलसिला थम नहीं रहा है। रविवार को ओरमांझी थाना क्षेत्र के बिजांग गांव में फ्ख् वर्षीय किसान राजदीप नायक की मौत हो गई। वह बैंकों का कर्जदार था और लोन नहीं चुकाने के कारण काफी परेशान भी था। ख्9 जून को ही उसने ख्9 खा लिया था। रविवार को मेदांता हॉस्पिटल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पिछले ख्ख् दिनों के भीतर किसानों की मौत का यह चौथा मामला है। इससे पहले पिठोरिया में दो और लोहरदगा में एक किसान ने मौत को गले लगा लिया था।

कर्ज के साथ ही बीमारी से भी था परेशान

किसान राजदीप पर बैंकों का कर्ज तो था ही, वह बीमारी से भी परेशान था। बताया जाता है कि वह गठिया और टीबी के बाद पिछले एक महीने से आंख संबंधी परेशानी भी झेल रहा था। उसकी आंखों की रौशनी भी गई थी। इस वजह से वह तनाव में था। जहर खाने के बाद जब उसे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, तो इलाज के लिए गांव के ही कुलेश्वर महतो के पास ख्0 हजार रुपये में जमीन बंधक रखी गयी। इसके अलावा एक गाय भी बेचनी पड़ी थी। इसके बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका।

गांव में ही हुआ अंितम संस्कार

ओरमांझी पुलिस ने रिम्स में पोस्टमार्टम के बाद राजदीप का शव परिजनों को सौंप दिया। इसके बाद राजदीप का बिजांग में ही अंतिम संस्कार कर दिया गया।

राजदीप के दो बच्चे हैं

राजदीप नायक के घर में उसकी पत्नी कलावती देवी, बेटी अनु कुमारी (7 वर्ष), बेटा घनश्याम (ब् वर्ष), मां पांडव देवी, पिता विनोद नायक, भाई प्रदीप नायक का पूरा परिवार रहता है। दो बहनें बड़ी राजकुमारी देवी व छोटी बहन गीता कुमारी की शादी हो चुकी है।

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केसीसी और ट्रैक्टर के लिए लिया था लोन

राजदीप के एक और भाई प्रदीप हैं। पूरे परिवार के पास चार एकड़ जमीन है। राजदीप ने बरियातू के आइडीबीआइ बैंक से 90 हजार रुपये का किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) ऋण लिया था, जिसमें म्भ् हजार रुपये ही निकाले थे। यह ऋण नहीं चुकाने के कारण करीब एक लाख रुपये हो गया था। इतना ही नहीं राजदीप के भाई प्रदीप के नाम पर एचडीएफसी बरियातू से एक ट्रैक्टर फाइनेंस करवाया गया था, जिसकी किस्त क्ब्म्भ्क् रुपये प्रतिमाह थी। सात-आठ किस्त के बाद से लोन की किस्त भी बाकी थी। भाई प्रदीप के अनुसार ट्रैक्टर भले ही उसने अपने नाम पर लिया था, लेकिन उसे चलाने से लेकर किस्त भरने तक का जिम्मा राजदीप पर ही था।

कोट

राजदीप ने पूर्व में भी जहर खाकर खुदकुशी की कोशिश की थी, लेकिन बच गया था। परिवार को फिलहाल पारिवारिक लाभ योजना के तहत तीन हजार रुपये व परिवार के लिए अनाज की व्यवस्था की गई है। राजदीप की पत्नी व माता-पिता को विधवा-वृद्धावस्था पेंशन, इंदिरा आवास दिया जाएगा।

गिरिजा शंकर प्रसाद, एडीएम लॉ एंड आर्डर