-सख्त होगी डीलरों की मॉनिटरिंग, लाभुकों से ली जाएगी खाद्य सुरक्षा योजना की जानकारी

क्कन्ञ्जहृन्: खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत मिलने वाले रियायती अनाज की चोरी रोकने के लिए अब राशन दुकानों की सख्त मॉनिट¨रग होगी। सरकार सभी 45 हजार जन वितरण प्रणाली दुकानों में आधार से जुड़ी पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल) मशीन लगाने जा रही है। इससे लाभुकों की पहचान और अनाज वितरण में आसानी होगी। खाद्य और उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने अफसरों की टीम बनाई है। टीम फरवरी से गांवों में लाभुकों से खाद्य सुरक्षा योजना के बारे में फीडबैक लेगी। इससे यह जानकारी मिल सकेगी कि किस पंचायत या वार्ड में गरीबों को रियायती दर पर अनाज कब मिला? यदि अनाज मिलने में देरी हुई तो कौन जिम्मेदार है? लाभुकों की कंप्लेन पर राशन दुकानदारों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।

रुकेगी कालाबाजारी

विभाग के मुताबिक खाद्य सुरक्षा योजना का फूलप्रूफ कार्यान्वयन सुनिश्चित करने और अनाज की कालाबाजारी रोकने के लिए प्रशासनिक तंत्र को मजबूत किया जा रहा है। हाल में सरकार ने राज्य खाद्य निगम का पुनर्गठन किया है। राज्य स्तर पर एसएफसी की प्रशासनिक संरचना में निदेशक पर्षद बनाया गया है। सुविधा को ध्यान में रख निगम में दो प्रमुख शाखाएं बनी है। पहली शाखा को खाद्यान्न वितरण व दूसरी शाखा को खाद्यान्न प्राप्ति का जिम्मा दिया गया है।

राशनिंग प्रणाली को पारदर्शी बनाने के लिए प्रबंध किए जा रहे हैं। दुकानों में रोज कितने अनाज का लेनदेन हुआ, यह हिसाब विभाग की टीम के जरिए सीधे मुख्यालय को मिलेगा।

मदन सहनी, मंत्री, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण