- तीनों के परिवारों में हुई बढ़ोतरी से चिडि़याघर प्रशासन ने जताई खुशी

- 15 साल बाद लोमड़ी के परिवार में हुई बढ़ोतरी

LUCKNOW: चिडि़याघर के परिवार में तीन नए सदस्यों के शामिल होने से यहां पर खुशियां छाई हुई है। तेंदुए, लोमड़ी और सेही के परिवार में हुई बढ़ोतरी से चिडि़याघर के कर्मचारी खुश हैं। चिडि़याघर प्रशासन के अनुसार लोमड़ी और सेही लुप्त प्राय वन्यजीव शेडयूल वन में शामिल है। ऐसे में इनके वंश हुई बढ़ोतरी हमारे लिए उपलब्धि है।

पिछले साल चार शावक

नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान में एक के एक बाद यहां पर जानवरों में वंशवृद्धि हो रही है। पिछले साल एक सितम्बर को वनराज यानी कि बब्बर शेर के कुनबे में बढ़ोतरी हुई चार नन्हे शावकों ने जन्म लिया। इसके बाद राज्य पक्षी सारस ने अंडे दिये। हाल ही में चिडि़याघर में लोमड़ी, तेंदुआ और सेही के परिवार में भी बढ़ोतरी हुई है। इसमें तेंदुओं की संख्या तो पर्याप्त है।

पूरी तरह स्वस्थ

चिडि़याघर कर्मचारियों के अनुसार लोमड़ी को वानर वाटिका के पास बने एक बाड़े में रखा गया है। यहां पर उसके अनुरूप प्राकृतिक आवास तैयार किया गया है। बाड़े में जमीन के नीचे सुरंग बनाई गई। इसके बाद यहां पर लोमड़ी के जोड़े का साथ रख गया। ऐसे में कुछ दिनों पहले ही इसके परिवार में इजाफा हुआ। इस जोड़े ने एक बच्चे को जन्म दिया जो कि इस समय पूरी तरह से स्वस्थ है। चिडि़याघर के अधिकारियों के अनुसार लोमड़ी की ब्रीडिंग बहुत ही मुश्किल है। लखनऊ प्राणि उद्यान में में 15 साल बाद लोमड़ी के वंश में वृद्धि हुई है।

सेही के तीन बच्चे

इसके अलावा यहां पर तेंदुए का परिवार भी बढ़ा है। जनपद सीतापुर के एक गांव में पहुंचे इस मादा तेंदुए को चिडि़याघर लाया गया तो वह गर्भवती थी। कुछ दिन पहले उसने एक बच्चे को जन्म दिया है जो कि पूरी तरह से सुरक्षित है। रात्रिचर बाडे़ में दुर्लभ सफेद सेही का एक मात्र जोड़ा मौजूद है। देश में यह सिर्फ लखनऊ चिडि़याघर में ही मौजूद है। इनके परिवार में भी बढ़ोतरी हुई और सेही के तीन बच्चों ने यहां पर जन्म लिया है।

लोमड़ी और सेही का परिवार में हुई वंशवृद्धि वाइल्ड लाइफ के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। ये दोनों प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर हैं।

- अनुपम गुप्ता

डायरेक्टर, चिडि़याघर