- डेढ़ माह गुजर गए पर अभी तक थाना प्रेमनगर नहीं कर सका डॉक्यूमेंट वेरीफाई

- फ्रांस एंबेसी से सीधे एनओसी लेने से कोर्ट ने किया इनकार, मंडे को भेजा रिमाइंडर

BAREILLY: फ्रांस की युवती और भारत के युवक की मोहब्बत परवान चढ़ी तो दोनों हिंदू रीति-रिवाज के साथ विवाह कर सात जन्मों के बंधन में बंध गए, लेकिन नियम-कानून और अफसरों ने उनके प्यार की राह में कांटे बिछा दिए हैं। कानून के मुताबिक फ्रांस की युवती को भारत में रहने के लिए दोनों देशों की सहमति से कोर्ट मैरिज करना जरूरी है, जिसके लिए कपल ने डॉक्यूमेंट जमा भी कर दिए हैं, लेकिन पुलिस वेरिफिकेशन और फ्रांस एंबेसी सहमति पत्र बाई पोस्ट नहीं आ सका, जिसके चलते करीब दो माह से दोनों कपल कलेक्ट्रेट का चक्कर लगा रहे हैं।

कोर्ट की मुहर का इंतजार

इसी वर्ष अक्टूबर माह में फ्रंास की आम्ब्र मरीन आसुंटा लिओन उर्फ आम्ब्रलिओ और बरेली में प्रेमनगर के विष्णुपुरी निवासी अनुराग शर्मा की हिन्दू रीति रिवाज से शादी हुई थी। हालांकि, इस शादी का प्रमाण न होने से फ्रांस छोड़कर भारत में रहने के लिए आम्ब्र को एनओसी यानि मंजूरी नहीं मिल पा रही थी। दोनों ने 11 नवंबर को कलेक्ट्रेट स्थित सदर कोर्ट में मैरिज रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन किया और जरूरी डॉक्यूमेंट जमा किए तो कोर्ट ने पुलिस वेरिफिकेशन और फ्रांस एंबेसी से बाई पोस्ट एनओसी आने के बाद मैरिज पर मुहर लगाने की बात कही थी।

नहीं हो रहा वेिरफिकेशन

एडीएम सदर कोर्ट ने कपल्स द्वारा 11 नवंबर को कोर्ट में जमा कराए डॉक्यूमेंट वेरीफाई करने के लिए प्रेमनगर थाना डॉक्यूमेंट सौंप दिए थे। पर डेढ़ माह से ज्यादा दिन गुजर जाने के बाद भी पुलिस ने डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन एसडीएम को नहीं सौंपी है। हालांकि कपल मंडे को फ्रांस एंबेसी की एनओसी लेकर कलेक्ट्रेट एसडीएम सदर कोर्ट पहुंचे थे, पर एसडीएम ने एनओसी को सिर्फ बाई पोस्ट एक्सेप्ट करने की बात कही। कोर्ट ने मंडे को एंबेसी से एनओसी मांगी है।

काफी खफा थी आम्ब्र

इस मसले को लेकर फ्रांसिसी आम्ब्र काफी खफा थीं। आम्ब्र का कहना था कि फ्रांस में जब भारत से जाकर कोई शादी करता है। तो महज माह भर में ही दोनों की कोर्ट मैरिज हो जाती है। जबकि यहां की स्थिति काफी खराब है। सारे डॉक्यूमेंट दे दिए हैं पर कोर्ट है कि मंजूरी ही नहीं दे रहा, जिससे उन लोगों को बार-बार कोर्ट का चक्कर लगाना पड़ रहा है।