- चमोली निवासी एक युवक ने ऋषिकेश थाने में कराया केस दर्ज

- पुलिस जुटी मामली की जांच में

देहरादून : ऋषिकेश एम्स में नौकरी लगवाने का झांसा देकर युवक से 9 लाख रुपए ठगने का मामला सामने आया है। आरोपी द्वारा ये रकम लेकर युवक को फर्जी नियुक्ति पत्र दे दिया गया। युवक नियुक्ति पत्र लेकर एम्स पहुंचा तो उसे ठगी का पता चला। इसके बाद उसने ऋषिकेश पुलिस में तहरीर देकर आरोपी के खिलाफ केस दर्ज करवाया है। पुलिस मामले की तफ्तीश और आरोपी की तलाश में जुट गई है।

आरोपी चमोली का निवासी

पुलिस के मुताबिक पीडि़त राहुल लडोला पुत्र विरेंद्र सिंह लडोला, चमोली के सिमली का रहना वाला है। वह कुछ वर्षो से दून में किराये का कमरा लेकर कोचिंग कर रहा था। इसी दौरान उनकी मुलाकात पुरुषोत्तम बनवाल पुत्र मथुरा प्रसाद निवासी जिला पंचायत कॉलोनी, गोपेश्वर, चमोली से हुई। उसने राहुल को बताया कि उसकी मां जिला पंचायत गोपेश्वर में बाबू के पद पर तैनात हैं और उसकी उच्चाधिकारियों के साथ काफी जान-पहचान है। वह उसकी सरकारी नौकरी लगवा सकता है। पीडि़त राहुल ने बताया कि आरोपी उसे होटलों में ले जाकर कई लोगों से मिलवाता रहा, जो खुद को अफसर बताते थे। वह उसके झांसे में आ गया और नौकरी लगाने के लिए आरोपी द्वारा मांगे जाने पर 9 लाख रुपए दे दिये।

9 लाख लेकर फर्जी नियुक्ति पत्र दिया

आरोपी पुरुषोत्तम ने उसे नियुक्ति पत्र भी दिया, जिसे लेकर वह एम्स पहुंचा तो वहां पर नियुक्ति पत्र फर्जी पाया गया। पीडि़त ने आरोपी पुरुषोत्तम को यह बात बताई तो उसने 7 लाख, 1लाख और 70 हजार रुपये के 3 चेक उसे दे दिए और 10 रुपए के स्टैंप पेपर पर कुछ समय बाद रुपए वापस करने का लिखित आश्वासन भी दिया। इसके बाद आरोपी ने फोन रिसीव करना बंद कर दिया। बैंक में चेक जमा कराए गए तो वे भी बाउंस हो गए। पीडि़त की तहरीर पर ऋषिकेश पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

एम्स के नाम पर जमकर हो रही ठगी

एम्स ऋषिकेश में नौकरी के नाम पर कई लोग ठगे जा चुके हैं। एडमिशन ठग यहां लंबे समय से सक्रिय हैं और युवाओं को झांसे में लेकर मोटा मुनाफा काट कर रहे हैं। बीते 27 जनवरी को ऋषिकेश पुलिस ने एम्स में नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले एक गैंग के 8 लोगों को गिरफ्तार किया था। उनके कब्जे से एम्स के लेटर हेड व फर्जी नियुक्ति पत्र भी बरामद हुए थे।