- खुलेआम चल रहा है बेरोजगार युवकों को चूना लगाने का गोरखधंधा

- ठग भारत किसान सेवा केंद्र के नाम से फोन पर ले रहे इंटरव्यू

- भेजा जा रहा अशोक की लाट वाला एप्वायन्मेंट लेटर

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LUCKNOW: न कोई रिटेन एक्जाम और न ही इंटरव्यू। फोन पर केवल दो आसान सवालों के जवाब और फ्ख् हजार की नौकरी पक्की। नौकरी भी केवल एक-दो साल के लिए नहीं बल्कि चालीस साल के लिए। यह सुनकर आप हैरान हो गए होंगे, लेकिन कुछ ऐसा ही फर्जीवाड़ा चल रहा है भारत किसान सेवा केंद्र का। एप्वायन्टमेंट लेटर पर भारत सरकार का उपक्रम दिखाया गया है, लेकिन मुहर लगी है भारतीय कृषि विज्ञान केंद्र की। ऑफिस दिखाया गया ई ख्भ् वर्धमान टॉवर, सेक्टर क्8, नोएडा जबकि वेबसाइट का भी अता-पता नहीं जिससे इस सेवा केंद्र की सच्चाई जानी जा सके। फर्जी नौकरी के झांसे में कई लोग फंस रहे हैं।

फोन पर मिल रही नौकरी

कटरा बिजन बेग में रहने वाले मोहित चौरसिया ने बताया कि कुछ दिन पहले उन्होंने एक अखबार में विज्ञापन देखा। यह विज्ञापन था भारत किसान सेवा केंद्र का। पोस्ट थी ग्राहक सेवा प्रतिनिधि की। सेलरी हर महीने फ्ख् हजार भ्00 रुपए की। फोन नंबर 09भ्ब्090फ्9ब्ख् पर मैसेज करना था जिसमें एप्लीकेंट का नाम, उम्र और एजूकेशन मैसेज करनी थी। मोहित ने अपनी पूरी डिटेल क्फ् जून को उसी नंबर पर भेज दी। दो दिन बाद उसी नंबर से कॉल आई। एक लड़की ने पहले तो पूरी डिटेल की तहकीकात की और फिर बड़े आसान से दो सवाल पूछे। पहला सवाल था कि सबसे ज्यादा पानी किस फसल को चाहिए। मोहित ने जवाब दिया कि धान को। दूसरा सवाल हिन्दुस्तान में सबसे ज्यादा फसल किसकी होती है। इस पर मोहित ने जवाब दिया कि गेहूं। लड़की ने जवाब दिया कि दो दिन बाद आपके पास कॉल आएगी कि आपका सेलेक्शन हुआ है या नहीं। मोहित उस समय काफी खुश हुआ।

लेटर देखते ही होश फाख्ता

करीब तीन दिन बाद फोन आया कि आपका सेलेक्शन हो गया है लेकिन इस एप्वायन्मेंट लेटर को पहली नजर में देखकर ही यह तय था कि यह फर्जी है। एप्यान्मेंट लेटर पर अशोक की लाट लगी थी और जो शर्ते थी वह तो और चौंकाने वाली थीं। भारत सरकार के इस उपक्रम में सिक्योरिटी डिपॉजिट करने का नियम भी जुड़ा था। साथ ही यह भी शर्त थी कि नौकरी पूरी करने के बाद कोई पेंशन भी नहीं मिलेगी। 7ख्भ् सीट के लिए मोहित का नंबर था ब्फ्भ्। फ्ख् हजार भ्00 रुपए के वेतन के बाद हर साल पांच प्रतिशत इंक्रीमेंट भी लगाए जाने की शर्त थी।

जमा करें क्फ् हजार रुपये

अपने निकटतम सेंटर से म्0 किलोमीटर की दूरी होने पर मुफ्त भोजन, कैब और आवास की सुविधा का भी लालच था। सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात तो यह थी कि इसके लिए सिक्योरिटी मनी के रूप में क्फ् हजार रुपए जमा करने थे। इसके एवज में भी मोबाइल फोन, लैपटॉप और मुफ्त आवास की भी सुविधा थी। एप्वायन्मेंट लेटर पर सिक्योरिटी डिपॉजिट के लिए कांटेक्ट नंबर लिखा था 087ब्फ्0म्ख्फ्8भ्। इस पर फोन किया तो पहले तो उसने खुद को मीटिंग में बिजी बताया। अगले दिन फोन मिलाया तो मोहित ने कई तरह के सवाल पूछने शुरू कर दिए। कुछ सवालों के तो जवाब दिए लेकिन बाद में फोन काट दिया। अब मोहित को समझते देर न लगी कि यह पूरा मामला फर्जी है। उसा माथा ठनका और सच्चाई जानने के लिए लखनऊ के कृषिभवन स्थित ऑफिस पहुंचा। वहां अधिकारियों ने बताया कि यह पूरी तरह से फर्जी है और इस झांसे में कई लोग फंसकर क्फ् हजार रुपए जमा कर चुके हैं। खास बात यह है कि यह रकम कैश में जमा करनी होती है।

शॉर्ट कट से पैसा कमाने की चाहत ने फंसाया

इस फर्जीवाड़े की हकीकत जानी तो मालूम हुआ कि इसमें फंस रहे हैं वह बेरोजगार जो शॉर्ट कट से पैसा कमाना चाह रहे हैं। अब अंसारी साजिद का ही उदाहरण लें। वह बताते हैं कि उन्होंने एक न्यूज पेपर में यही विज्ञापन पढ़ा। इसी तरह सभी फॉरमेलिटी पूरी करने के बाद अंसारी ने एसबीआई के खाता संख्या ख्0क्88ख्भ्08फ्ख् में कमलेश नाथ के नाम से एकाउंट में क्फ् हजार रुपए जमा करा दिए लेकिन न तो उन्हें अभी तक किसी ने कांटेक्ट किया और न ही नौकरी मिली।

ऐसे मामलों में लोग सामने आने से घबराते हैं। यही वजह है कि गवर्नमेंट में जॉब को लेकर हो रहे फर्जी बाड़े की अभी तक कोई शिकायत नहीं आयी है। अगर कोई भुक्तभोगी इसकी शिकायत करेगा तो जरूर कार्रवाई की जाएगी।

अमित पाठक,

एसएसपी, एसटीएफ।