Lucknow: - बलरामपुर जिले में रहने वाले प्रशांत सिंह पिछले एक साल से एलडीए की करतूत से हैरान-परेशान हैं। पिछले साल बसपा सुप्रीमो मायावती के जन्म दिन पर एलडीए ने कल्पतरू योजना बहुत जोर-शोर से लांच की थी। 3 बीएचके में रजिस्ट्रेशन के नाम पर करीब ढाई लाख रुपए भी जमा कर दिए लेकिन एक साल के बाद भी उन्हें फ्लैट नहीं मिल सका।
- फार्म नंबर 2730 से रजिस्ट्रेशन फार्म भरने वालीं पुष्पा श्रीवास्तव ने यह सोचकर एलडीए की इस योजना में पैसा लगाया कि प्राइवेट बिल्डर की तरह यहां कोई फ्रॉड नहीं होता है। उन्हें यह नहीं मालूम था कि एलडीए भी प्राइवेट बिल्डर की तर्ज पर आम आवेदकों को धोखा देने का काम कर रहा है।
- फार्म नंबर 4737 से रजिस्ट्रेशन करने वाले शैलेन्द्र कुमार पाण्डेय भी एलडीए के जाल में फंस गए और रजिस्ट्रेशन के नाम पर करीब 2.10 लाख रुपए जमा करा दिए। अब एक साल बीतने के बाद भी उन्हें फ्लैट के लिए भटकना पड़ रहा है।
केवल यही नहीं इन जैसे कई आवेदकों का पैसा अभी भी एलडीए में जमा है। वह पैसा नहीं अपना फ्लैट लेना चाहते हैं लेकिन एलडीए ने जिस भूखंड पर यह योजना शुरू करने की सोची। वह एलडीए के पास थी ही नहीं, यह जमीन तो एक सोसाइटी को पहले ही दी जा चुकी थी।
1400 लोगों ने पंजीकरण कराए
पिछले साल सीएम मायावती के जन्मदिन पर शुरू हुई एलडीए की कल्पतरु योजना सस्पेंस में है। अधिकारियों ने गोमतीनगर विस्तार के सेक्टर एक में जिस जमीन पर योजना लांच की है वह विवादित थी। 15 से 28 फरवरी 2011 तक पंजीकरण खोले गए। योजना के 364 फ्लैट के लिए 1400 लोगों ने पंजीकरण कराए। पंजीकरण के लिए लोगों ने प्राधिकरण के खाते में करीब 25 करोड़ रुपए जमा कराए। गोमतीनगर विस्तार के सेक्टर एक में भूखंड संख्या 1/ 8 और 1 / 9 पर यह योजना लांच की गई। यह पहले से ही विवादित था।
प्राधिकरण ने यह भूखंड पहले से ही स्वर्ग आश्रम नामक संस्था को आवंटित की थी लेकिन बाद में इस संस्था को जमीन नहीं दी गई। स्वर्ग आश्रम संस्था को पहले नेहरू एन्क्लेव योजना में प्लॉट आवंटित हुआ था। लेकिन यह योजना निरस्त होने के बाद संस्था सुप्रीम कोर्ट चली गई। सुप्रीम कोर्ट से उसे दूसरी जगह 12064 वर्ग मीटर भूखंड आवंटित करने का आदेश दिया गया। न्यायालय के आदेश के अनुपालन में इन्हीं दोनों प्लॉट को संस्था को देने का निर्णय लिया गया.
तत्कालीन वीसी मुकेश कुमार मेश्राम ने सेक्टर 1 गोमतीनगर विस्तार में जमीन भी आवंटित कर दी लेकिन अलॉटमेंट लेटर मिलने से पहले ही वीसी बदल गए। इसके बाद आए वीसी मृत्युंजय कुमार नारायण ने उसे प्लाट देने का प्रस्ताव निरस्त कर दिया और यहां कल्पतरु योजना लांच कर दी। इसके बाद संस्था हाई कोर्ट चली गई। न्यायालय ने कल्पतरू योजना पर रोक लगा दी।
मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। दो दिन पहले सर्वोच्च अदालत ने एलडीए अधिकारियों को आदेश दिया कि छह महीने के भीतर मामले का निस्तारण कराया जाए।
जल्द होगा मामले का निस्तारण
सम्पत्ति अधिकारी केके सिंह ने बताया कि दो दिन पहले सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया गया है कि छह महीने में मामले का निस्तारण कराया जाए। अब इस बारे में उच्च अधिकारियों से बातचीत की जा रही है कि कैसे विवाद का समाधान किया जाए।
राधाग्राम योजना का पता ही नहीं चला
करीब 20 साल पहले हरदोई रोड पर तत्कालीन आवास एवं नगर विकास मंत्री लालजी टंडन ने राधा ग्राम योजना लांच की थी। लेकिन सरकार बदलते ही यह योजना कहां चली गई आज तक किसी के पास जवाब नहीं है।
विवादित जमीन पर था नेहरू इंक्लेव
नेहरू इंक्लेव का विवाद तो अभी तक एलडीए नहीं सुलझा पाया है। यहां की जमीन पर एलडीए का सेना से विवाद हो गया और बाद में इस योजना को ठंडे बस्ते में डालना पड़ा। अभी भी कई अलॉटी कोर्ट में अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं। व्योमखंड योजना भी प्राधिकरण ने निरस्त कर दी। अपना घर भी लोगों के लिए सपना बनकर रह गया। सुलभ आवास योजना भी केवल गोमतीनगर विस्तार तक ही सीमित रह गई। कानपुर रोड पर स्कूटर इंडिया के पास गहरू योजना, मोहान रोड पर पारा योजना भी एलडीए ने निरस्त कर दी।
कल्पतरु अपार्टमेंट सेक्टर 1 गोमती नगर विस्तार एक नजर में
2 बीएचके- 95.70 वर्ग मीटर- 21.50 लाख रुपए
2 बीएचके प्लस स्टडी- 114.45 वर्ग मीटर- 26.50 लाख रुपए
3 बीएचके- 121.70 वर्ग मीटर- 28.50 लाख रुपए
3 बीएचके प्लस स्टडी- 145.70 वर्ग मीटर- 32.50 लाख रुपए

Reported By: Ritesh Dwivedi