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-सभी थानों को टीम बनाकर बदमाश पकड़ने का दिया था आदेश

-सिर्फ एक थाने ने बनाई टीम, वारंटी पकड़ने के अभियान में भी पुलिस रही फिसड्डी

anil.kumar@inext.co.in

BAREILLY: अपराधियों पर लगाम कसने के लिए पुलिस एनकाउंटर कर रही है। ईनामी बदमाशों की धरपकड़ की जा रही है। लेकिन बरेली पुलिस है कि डीजीपी का आदेश ही नहीं मानती है। डीजीपी के आदेश में एसएसपी बरेली ने सभी थाना प्रभारियों को अपने थाने में टीम बनाकर ईनामी बदमाशों की धरपकड़ का आदेश दिया था। लेकिन 20 अगस्त तक सिर्फ एक थाने ने ही टीम बनाने की सूचना दी थी। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि जब टीम ही नहीं बनी है तो पुलिस ईनामी बदमाशों को कैसे पकड़ेगी। जबकि अब सिर्फ सात दिन ही बचे हैं और 1 सितंबर को रिपोर्ट लखनऊ भेजी जानी है।

27 पुरस्कार घोषित अपराधी

-बरेली में मौजूदा समय में 27 पुरुस्कार घोषित बदमाश हैं, जिनकी अभी तक गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।

-अलग-अलग थाना क्षेत्र में इनामी हैं, जो पहले से कई वारदातों में शामिल रहे हैं, नए बदमाशों पर भी इनाम होता है जारी

-डीजीपी ने प्रदेश के सभी जिलों में अगस्त माह में अभियान चलाकर इनामी बदमाशों की धरपकड़ का आदेश दिया था।

-एसएसपी बरेली ने सभी थानों को 4 अगस्त को टीम बनाने और अभियान चलाकर गिरफ्तारी का आदेश जारी किया था।

-29 थानों में से सिर्फ एक थाना मीरगंज ने ही टीम बनाकर रिपोर्ट एसएसपी को भेजी है। यह रिपोर्ट देखकर एसएसपी का पारा चढ़ गया।

-एसएसपी ने सभी थानों को जल्द से जल्द अपराधी के नाम सहित रिपोर्ट तैयार कर भेजने का आदेश दिया है।

वारंटियों की धरपकड़ में भी ढिलाई

-डीजीपी के आदेश पर ही 10 अगस्त को वारंटियों की धरपकड़ का अभियान चलाया गया था लेकिन थाना पुलिस ने इसमें भी ढिलाई बरती थी।

-पहले दिन 260 में से सिर्फ 60 वारंटियों को गिरफ्तार किया गया था, जबकि 50 परसेंट टारगेट अचीव करना था।

-ढिलाई पर एसएसपी ने सभी थाना प्रभारियों को फटकार लगाई थी। जिसके दूसरे दिन पुलिस एक्शन में आ गई थी

- 11 अगस्त की रात में पुलिस ने अभियान में तेजी दिखाते हुए 132 वारंटियों को गिरफ्तार कर लिया था,

फैक्ट्स एंड फीगर

29 थाने हैं बरेली में

10 थाने शहर और 19 देहात में

27 पुरस्कार घोषित अपराधी

25 हजार से ऊपर के ईनामी के लिए अलग टीम

01 थाने ने सिर्फ बनाई टीम

28 थानों ने नहीं भेजी रिपोर्ट

06 अगस्त से चलना था अभियान

31 अगस्त अभियान की लास्ट डेट

01 सितंबर 2018 को भेजी जाएगी रिपोर्ट