-पत्नी के जेवर बेचकर दी रकम, पढ़ाने के 6 महीने बाद भी नहीं मिला वेतन

-कलह में पत्नी ने की खुदकशी तो आरोप में जाना पड़ा जेल

BAREILLY :

मदरसे में शिक्षक की नौकरी पाने के लिए भोजीपुरा के एक दिव्यांग ने पत्नी के गहने बेचे और उधार रकम लेकर मदरसा प्रबंधक को ढाई लाख रुपए दिए। उसे लगा था कि नौकरी लगने के बाद उसके परिवार के हालात बदल जाएंगे। छह महीने मदरसे में नौकरी भी की, लेकिन वेतन नहीं मिला तो घर के हालात बिगड़ गए। आए दिन घरेलू कहल से नाराज पत्नी ने खुदकशी कर ली। खुदकशी के आरोप में उसे जेल तक जाना पड़ा। डेढ़ वर्ष बाद जेल से छूटा तो मदरसा प्रबंधक से रुपए मांगे तो उसने सिर्फ 30 हजार रुपए ही लौटाए और बाकी रकम देने से मना कर दिया। थर्सडे को पीडि़त ने एसएसपी से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की तो उन्होंने जांच कर कार्रवाई का आश्वासन ि1दया है।

6 महीने बाद वेतन मिलने की कही बात

भोजीपुरा के सागलपुर गांव निवासी रिफाकत हुसैन दिव्यांग है। वर्ष 2013 में भोजीपुरा स्थित एक मदरसा संचालक ने टीचर की जॉब के नाम पर उससे 2.50 लाख रुपए मांगे। पत्नी के जेवर बेचकर व कर्ज लेकर रिफाकत ने रकम दी। प्रबंधक ने 6 महीने में वेतन मानदेय मिलने की बात कही लेकिन नहीं मिला। इसके बाद घरेलू कलह शुरू हो गई। आर्थिक तंगी को लेकर हुए झगड़े में उसकी पत्नी ने खुदकशी की तो आरोप में उसे जेल तक जाना पड़ा गया। डेढ़ साल बाद छूटा तो मदरसा पहुंचा। पता चला कि वह ठगी का शिकार हो गया था। उसने अपनी पूंजी तो गंवाई ही पत्नी तक को खो दिया।