- राजधानी में रुक नहीं रहे फ्रॉड के मामले

- कभी प्लाट के नाम पर तो कभी गाड़ी के नाम पर वसूल रहे पैसा

- ठगी की शिकायत लेकर थाने जाने पर भी नहीं होती सुनवाई

lucknow@inext.co.in
LUCKNOW: जैसे ही सूबे की राजधानी में प्रवेश करेंगे आपको लिखा मिलेगा 'मुस्कुराइए कि आप लखनऊ में हैं', लेकिन अब शहर में सक्रिय शातिर ठगों ने आम लोगों को यह कहने पर मजबूर कर दिया है कि मुस्कुराइए नहीं, सावधान रहिए। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि राजधानी में ठगी की घटनाएं काफी तेजी से देखने को मिल रही हैं। हैरत की बात यह है कि अपनी मेहनत की कमाई लुटने के बाद भी पुलिस भी पीडि़त की कोई सुनवाई नहीं करती है। जिसके चलते ठगी के शिकार लोग सीएम के पोर्टल पर शिकायत कर न्याय की उम्मीद लगा रहे हैं।

केस नंबर
स्मार्टफोन के नाम पर ठगा

मूलरूप से बहराइच निवासी जय कुमार नाग कैसरबाग के चिकवाली गली में किराए के मकान में रहते हैं। कुछ दिन पहले उसने ओएलएक्स साइट पर सैमसंग नोट 5 प्रो का विज्ञापन देखा था। फोन बेचने वाला का नाम मंजीत था। मंजीत ने उसको फोन किया। बातचीत हुई और मोबाइल फोन का सौदा करीब 16 हजार रुपये में तय हुआ। मंजीत ने जय से पहले भुगतान करने के लिए कहा। मंजीत की बातों पर यकीन करते हुए जय ने पेटीएम के माध्यम से मंजीत के खाते में 16 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए। रुपये मिलने के बाद मंजीत ने जय को मोबाइल फोन नहीं दिया। एक दो दिन इंतजार करने के बाद जय ने मंजीत को फोन किया तो उसने फोन ही नहीं उठाया। जय ने इसकी शिकायत कैसरबाग पुलिस से की। पुलिस ने उसकी शिकायत पर मंजीत के खिलाफ अमानत में खयानत की रिपोर्ट दर्ज कर ली है।

केस नंबर दो
प्लॉट दिलाने के नाम 9.15 लाख की धोखाधड़ी
सआदतगंज के करीमगंज निवासी ओमप्रकाश शर्मा हजरतगंज इलाके में किराए के फ्लैट में रहते हैं। कुछ समय पहले उनको सुयश बिल्डर्स एंड डेवलपर्स कंपनी के बारे में पता चला था। कंपनी ने आसान किश्तों पर प्लॉट दिलाने की बात कही थी। इस पर उन्होंने 20 हजार रुपये देकर सबसे पहले कंपनी में अपना रजिस्ट्रेशन कराया। कुछ समय के बाद उन्होंने 80 हजार रुपये देकर दो प्लाट बुक किए। उन्होंने कंपनी से कुछ और रुपये भी दिए। समय गुजरने के बाद ओमप्रकाश ने कंपनी के लोगों से प्लॉट की रजिस्ट्री उनके नाम पर करने के लिए कही। ओमप्रकाश का कहना है कि धीरे धीरे करके उन्होंने कंपनी को 9.15 लाख रुपये जमा किए। बड़ी रकम देने के बाद भी कंपनी ने प्लॉट की रजिस्ट्री उनके नाम नहीं की। ओम प्रकाश का कहना है कि इस बीच कंपनी ने अपना दफ्तर भी बदल दिया। ओमप्रकाश का आरोप है कि उन्होंने कई बार कंपनी के मालिकों से मिलने का प्रयास किया, लेकिन मुलाकात नहीं हो सकी। पुलिस से शिकायत के बाद भी कार्रवाई न होने पर ओमप्रकाश ने सीएम के जनता दर्शन में जाकर अपनी शिकायत दर्ज की। जिसके बाद इस मामले में एसएसपी को इस मामले में कानूनी कार्रवाई का आदेश दिया गया। पीडि़त ओमप्रकाश की शिकायत पर हजरतगंज पुलिस ने सुयश कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।

केस : 3
फ्लैट के नाम पर हड़पे 20 लाख

इंदिरानगर के मयूर विहार कॉलोनी निवासी राहुल द्विवेदी बताया कि उन्होंने हजरतगंज स्थित क्लोरिओन टाउनशिप प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के जरिए फैजाबाद रोड स्थित रोहतास प्लेटिनम अपार्टमेंट में एक फ्लैट बुक किया था। उन्होंने कंपनी को चार लाख रुपये का भुगतान भी किया था। कंपनी ने उनको फ्लैट का अलॉटमेंट लेटर भी दिया। लेटर के आधार पर राहुल ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस कंपनी से लोन के लिए आवेदन किया। हाउसिंग कंपनी ने करीब 16 लाख रुपये का लोन स्वीकृत किया और कंस्ट्रक्शन कंपनी के खाते में रकम भेज दी। राहुल का आरोप है कि कंपनी ने पहले उनसे चार लाख रुपये और हाउसिंग कंपनी से 16 लाख रुपये लेकर हड़प लिया। अब तक उनको फ्लैट नहीं दिया। राहुल ने हजरतगंज पुलिस से शिकायत की। पुलिस ने इस मामले में कंपनी के डायरेक्टर परेश, पंकज और पीयूष रस्तोगी के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी की रिपोर्ट दर्ज कराई है।

केस : 4
ट्रक दिलाने का झूठा वादा

विकासनगर के सेक्टर आठ इलाके में राइस मिल मालिक शिव सहाय यादव की अंबेडकरनगर में मेसर्स यादव नाम से राइस मिल है। उनका कहना है कि बैंक लोन लिमिट बढ़ाने के मामले में उनकी मुलाकात राजाजीपुरम निवासी हरिप्रसाद तिवारी से हुई थी। शिव सहाय यादव का कहना है कि हरिप्रसाद ने उनको बताया कि उनके बैंक में लोन की किश्त जमा न होने पर एक ट्रक जब्त है। बैंक ट्रक की नीलामी करने वाली है। हरिप्रसाद ने मिल मालिक को कम दामों में ट्रक दिलाने की बात कही। उन्होंने ट्रक खरीदने की हामी भर दी। आरोप है कि इसके बाद हरिप्रसाद ने मिल मालिक से ट्रक दिलाने के नाम पर 62 हजार रुपये ले लिए। रुपये लेने के बाद भी आरोपी ने मिल मालिक को ट्रक नहीं दिलाया। मिल मालिक ने जब अपने रुपये वापस मांगे तो हरिप्रसाद ने लोन लिमिट में अपनी तरफ से 62 हजार रुपये जमा कराने का आश्वासन दिया। बावजूद इसके आरोपी ने न तो लोन लिमिट में रुपये जमा किए और न ही पीडि़त को रुपये वापस किए। उन्होंने अपने साथ हुई ठगी के मामले में सीएम दफ्तर में शिकायत की। हजरतगंज पुलिस आरोपी हरिप्रसाद के खिलाफ अमनात में खयानत की रिपोर्ट दर्ज कर ली है।