-जिला पंचायत राज अधिकारी के खाते से उड़ा दिए 1 करोड़ 19 लाख 15 हजार 481 रुपए

-बैंक आफ बड़ौदा की कटरा शाखा में है जिला पंचायत का एकाउंट

-डीपीआरओ और सीडीओ का फर्जी हस्ताक्षर बनाकर किया गया खेल

<-जिला पंचायत राज अधिकारी के खाते से उड़ा दिए क् करोड़ क्9 लाख क्भ् हजार ब्8क् रुपए

-बैंक आफ बड़ौदा की कटरा शाखा में है जिला पंचायत का एकाउंट

-डीपीआरओ और सीडीओ का फर्जी हस्ताक्षर बनाकर किया गया खेल

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: जिला पंचायत राज विभाग का एकाउंट। डीपीआरओ और सीडीओ का जाली सिग्नेचर। फर्जी कवरिंग लेटर और एक करोड़ 19 लाख रुपए गायब। शातिर खिलाडि़यों ने ऐसी फील्डिंग सजाई और अपना काम कर गए कि जिले के आला अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी। खाता खाली मिलने पर जांच कराई गई तो पता चला कि जिन एकाउंट्स में मनी ट्रांसफर की गई है वे सब फर्जी हैं। यह जानने के बाद तो अधिकारियों तक के होश फाख्ता हो गए। डीएम के आदेश पर जिला पंचायत राज अधिकारी की तरफ से कर्नलगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज करा दी गई है।

<जिला पंचायत राज विभाग का एकाउंट। डीपीआरओ और सीडीओ का जाली सिग्नेचर। फर्जी कवरिंग लेटर और एक करोड़ क्9 लाख रुपए गायब। शातिर खिलाडि़यों ने ऐसी फील्डिंग सजाई और अपना काम कर गए कि जिले के आला अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी। खाता खाली मिलने पर जांच कराई गई तो पता चला कि जिन एकाउंट्स में मनी ट्रांसफर की गई है वे सब फर्जी हैं। यह जानने के बाद तो अधिकारियों तक के होश फाख्ता हो गए। डीएम के आदेश पर जिला पंचायत राज अधिकारी की तरफ से कर्नलगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज करा दी गई है।

न अफसरों को हवा लगी न बैंक को

जिला पंचायत राज अधिकारी सुरेन्द्र सिंह के मुताबिक विभाग का खाता बैंक आफ बड़ौदा की कटरा शाखा में है। इसी खाते से मलाका, नवाबगंज और लाल गोपालगंज शाखा में रुपए ट्रांसफर किए जाते हैं। विभागीय खाते से रुपए ट्रांसफर करने के लिए डीपीआरओ सुरेन्द्र सिंह के अलावा सीडीओ के सिग्नेचर की जरूरत होती है। जिला पंचायत राज अधिकारी के मुताबिक कुछ दिनों से किसी कवरिंग लेटर के आधार पर इन दोनों अधिकारियों का फेक सिग्नेचर बनाकर करीब 1 करोड़ 19 लाख 15 हजार 481 रुपए तीनों बैंक एकाउंट में ट्रांसफर करा लिए गए। इस खेल में सफल होने के बाद शातिरों ने फर्जी प्राइवेट समितियों के खाते में रुपए ट्रांसफर करा लिया। इसके बाद रुपए निकाल लिए गए।

शौचालय के लिए आया था धन

डीपीआरओ के मुताबिक ग्रामीण शौचायल निर्माण के लिए धन जारी हुआ था। इसे बीओबी के खाते में जमा कराया गया था। फर्जीवाड़ा करके रुपए कैसे गायब कर दिए गए? कुछ पता ही नहीं चला। वैसे आशंका जताई जा रही है कि इसमें विभागीय लोगों के साथ ही बैंककर्मियों की मिलीभगत भी हो सकती है। वैसे इस संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में बैंक के चीफ मैनेजर एके भटनागर का कहना था कि उन्हें कोई जानकारी नहीं है।

कैसे हुआ खेल

वैसे तो यह खेल किस तरह हुआ यह तो पुलिस की जांच के बाद पता चलेगा। लेकिन, प्रशासनिक आफिसर की जांच में पता चला है कि किसी ने पेयजल टंकी योजना के नाम से गेम कर दिया। उसने सरकारी काम की तरह ही पेयजल योजना के नाम से रुपए पास कर दिए। बताया कि राष्ट्रीय पेयजल स्वच्छता अभियान के तहत यह प्रोग्राम भी चल रहा है। फिर कवरिंग लेटर और बैंक कर्मचारियों की मिली भगत से सेटिंग हो गई। रुपए फर्जी समितियों में आसानी से तीन बार में ट्रांसफर कर दिए गए।

<न अफसरों को हवा लगी न बैंक को

जिला पंचायत राज अधिकारी सुरेन्द्र सिंह के मुताबिक विभाग का खाता बैंक आफ बड़ौदा की कटरा शाखा में है। इसी खाते से मलाका, नवाबगंज और लाल गोपालगंज शाखा में रुपए ट्रांसफर किए जाते हैं। विभागीय खाते से रुपए ट्रांसफर करने के लिए डीपीआरओ सुरेन्द्र सिंह के अलावा सीडीओ के सिग्नेचर की जरूरत होती है। जिला पंचायत राज अधिकारी के मुताबिक कुछ दिनों से किसी कवरिंग लेटर के आधार पर इन दोनों अधिकारियों का फेक सिग्नेचर बनाकर करीब क् करोड़ क्9 लाख क्भ् हजार ब्8क् रुपए तीनों बैंक एकाउंट में ट्रांसफर करा लिए गए। इस खेल में सफल होने के बाद शातिरों ने फर्जी प्राइवेट समितियों के खाते में रुपए ट्रांसफर करा लिया। इसके बाद रुपए निकाल लिए गए।

शौचालय के लिए आया था धन

डीपीआरओ के मुताबिक ग्रामीण शौचायल निर्माण के लिए धन जारी हुआ था। इसे बीओबी के खाते में जमा कराया गया था। फर्जीवाड़ा करके रुपए कैसे गायब कर दिए गए? कुछ पता ही नहीं चला। वैसे आशंका जताई जा रही है कि इसमें विभागीय लोगों के साथ ही बैंककर्मियों की मिलीभगत भी हो सकती है। वैसे इस संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में बैंक के चीफ मैनेजर एके भटनागर का कहना था कि उन्हें कोई जानकारी नहीं है।

कैसे हुआ खेल

वैसे तो यह खेल किस तरह हुआ यह तो पुलिस की जांच के बाद पता चलेगा। लेकिन, प्रशासनिक आफिसर की जांच में पता चला है कि किसी ने पेयजल टंकी योजना के नाम से गेम कर दिया। उसने सरकारी काम की तरह ही पेयजल योजना के नाम से रुपए पास कर दिए। बताया कि राष्ट्रीय पेयजल स्वच्छता अभियान के तहत यह प्रोग्राम भी चल रहा है। फिर कवरिंग लेटर और बैंक कर्मचारियों की मिली भगत से सेटिंग हो गई। रुपए फर्जी समितियों में आसानी से तीन बार में ट्रांसफर कर दिए गए।

Facts file

Facts file

-शौचालय निर्माण के लिए मिले से क् करोड़ क्9 लाख रुपए

-फर्जी कवर लेटर और डीपीआरओ व सीडीओ के फर्जी हस्ताक्षर से हुआ खेल

-बैंक ऑफ बड़ौदा की मुख्य शाखा से तीन अन्य शाखाओं में ट्रांसफर कराया गया धन

-वहां से फर्जी समितियों के खाते में गया पैसा

-डीएम के आदेश पर कर्नलगंज थाने में दर्ज कराई गई रिपोर्ट

-बैंक की वर्किंग पर उठे सवाल बिना सिग्नेचर मैच कराए कैसे हो गए रुपए ट्रांसफर

-आफिसर का कहना है कि रुपए सिर्फ चेक के थ्रू ही होते रहे हैं ट्रांसफर

अधिकारियों का फेक सिग्नेचर बनाकर करीब लाखों रुपए तीन बैंक एकाउंट में ट्रांसफर कराया गया। वहां से फर्जी प्राइवेट समितियों के खाते में रुपए ट्रांसफर किए गए। ये फर्जीवाड़ा कैसे हो गया, पता नहीं चला।

-सुरेन्द्र सिंह

जिला पंचायत राज अधिकारी

मुझे इस मामले की कोई जानकारी नहीं है। एफआईआर हुई है तो पुलिस अपना काम करेगी।

-एके भटनागर

चीफ मैनेजर, बैंक ऑफ बड़ौदा

जांच पूरी होने के बाद ही पता चल सकेगा कि यह फर्जीवाड़ा हुआ कैसे और कौन इसमें शामिल था। जांच के बाद ही कोई कार्रवाई होगी।

-कर्नलगंज पुलिस

इन डेट पर फर्जी समिति में रुपए ट्रांसफर हुए

ख्क्-क्0-ख्0क्ब्

ग्राम पेयजल समिति कोडि़हार -क्क्90म्09 रुपए

ग्राम पेयजल एवं स्वच्छता समिति हथिगवां-क्क्90म्09 रुपए

ग्राम पेयजल एवं स्वच्छता समिति सम्भई-क्क्90म्09 रुपए

0फ्-क्क्-ख्0क्ब् को ट्रांसफर

ग्राम पेयजल एवं स्वच्छता समिति हथिगवां-क्क्90म्09 रुपए

ग्राम पेयजल एवं स्वच्छता समिति सम्भई -क्क्90म्09 रुपए

ग्राम पेयजल समिति विजलीपुर-क्क्90म्09 रुपए

क्क्-क्क्-ख्0क्ब् को ट्रांसफर

ग्राम पेयजल समिति सोरांव-क्भ्90म्09 रुपए

ग्राम पेयजल एवं स्वच्छता समिति कोडि़हार-क्भ्90म्09 रुपए

ग्राम पेयजल एवं स्वच्छता समिति विजलीपुर-क्भ्90म्09 रुपए