137 पेट्रोल पंपों में गड़बड़ी पर सिर्फ नौ एफआइआर क्यों : हाईकोर्ट

- पेट्रोल पंपों पर घटतौली मामले में हाईकोर्ट में पेश की सफाई

रुष्टयहृह्रङ्ख : पेट्रोल पंपों पर घटतौली मामले में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के आदेश पर गुरुवार को पेश हुए मुख्य सचिव राहुल भटनागर न्यायालय के सवालों के आगे पसीने-पसीने हो गए। हाईकोर्ट ने दो टूक पूछा कि गड़बड़ी जब 137 पेट्रोल पंपों में मिली है तो सिर्फ नौ एफआइआर क्यों कराई गईं? मुख्य सचिव इस बात का भी स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए कि नौ एफआइआर पर जिन 29 लोगों की गिरफ्तारी हुई है, उसमें पंप मालिक कितने हैं। मुख्य सचिव हालांकि यह भरोसा दिलाते रहे कि चोरी करने वाले पेट्रोल पंपों पर कोई नरमी नहीं बरती जा रही है।

मुख्य सचिव ने न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और न्यायमूर्ति वीरेंद्र कुमार (द्वितीय) की खंडपीठ को बताया कि 30 जून तक पंपों का निरीक्षण कर लिया जाएगा। इस बीच जिन पंपों पर गड़बड़ी मिलेगी, उन पंप मालिकों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पेट्रोल पंपों पर सिर्फ गड़बड़ी वाली मशीन को सीज करने संबंधी दो मई के अपने शासनादेश पर सफाई देते हुए मुख्य सचिव ने न्यायालय को बताया कि लोगों को पेट्रोल मिलने में दिक्कत न हो, इसीलिए सिर्फ गड़बड़ी वाली वितरण इकाई को सीज करने के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने न्यायालय को यह भी बताया कि गड़बड़ी वाले पंपों की वीडियोग्राफी भी कराई गई है। उन्होंने बताया कि एसटीएफ इस मामले से जुड़े कुछ पहलुओं पर अब भी जांच कर रही है। वहीं ऑयल कंपनियों की ओर से भी सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया गया।

6500 में जांचे गए 1881 पंप

मुख्य सचिव ने खंडपीठ को बताया कि प्रदेश के सभी साढ़े छह हजार पेट्रोल पंपों का निरीक्षण किया जाएगा। उन्होंने न्यायालय को बताया कि 1881 पंपों का निरीक्षण किया जा चुका है, जिसमें से 137 पंपों पर गड़बड़ी पाई गई है और नौ एफआइआर दर्ज कराई गई हैं।

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