-निगम की 58 दुकानों से किराया वसूली में रेंट-रेवेन्यू विभाग भिड़े

-10 सालों से वसूली की कवायद ठप, निगम को लगी 14 लाख की चपत

BAREILLY: नगर निगम को अपनी दुकानों पर सालों से लग रही लाखों की चपत को इसके अपने ही छ़ुपाने की कसरत कर रहे हैं। इन दुकानों से हुए नुकसान पर निगम के रेंट और रेवेन्यू विभाग के जिम्मेदार आपस में ही भिड़ गए हैं। इन दुकानों से पिछले 8-क्0 सालों से किराया वसूली करने में निगम नकारा रहा। नगर आयुक्त के निर्देश पर सालों बाद वसूली की कार्रवाई शुरू तो यह भी आपसी आरोपों का शिकार हो गई। मामले में निगम के आला अफसरान का नाम सामने आने से किराया वसूली के घपले पर अब पर्दा डालने की कोशिशें तेज हो गई हैं। इन दुकानों से किराया वसूली में किए जा रहे खेल का खुलासा होने के बावजूद अधिकारी इस पर चुप्पी साधे हैं।

यहां भी बाबू का खेल

निगम में हुए फ्यूल फ्रॉड और फर्जी नौकरी वाले घपलों की तरह ही इस मामले में बाबुओं का खेल शामिल है।

रेंट विभाग के वसूली इंचार्ज की ओर से पिछले क्0 सालों से किराया न देने वाली म्भ् दुकानों का सील करने की लिस्ट बनाई। वसूली इंचार्ज राम सिंह जाटव के आरोप हैं कि टैक्स सुपरिटेंडेंट और विभाग के एक बाबू संजीव कुमार ने इस लिस्ट में कई दुकानों के नाम काटकर अपर नगर आयुक्त को फॉरवर्ड कर दिया। आरोप हैं कि टैक्स व रेवेन्यू विभाग के इन जिम्मेदारों ने इन दुकानों के ओनर्स से सांठगांठ कर मोटा मुनाफा कमाया और निगम को लाखों की चपत लगाई।

आदेश के बावजूद कारर्वाई नहीं

निगम की इन भ्9 दुकानों से किराया वसूली न होने पर नगर आयुक्त उमेश प्रताप सिंह ने भ् मार्च को ही इन्हें सील करने के आदेश जारी कर दिए थे। कुतुबखाना, पटेलगंज, श्यामगंज मार्केट, मोती पार्क, शास्त्री मार्केट, आदर्श मार्केट और सीआई पार्क पर बनी इन दुकानों पर क्ब् लाख रुपए का बकाया है। इन दुकानों की फाइल किराया वसूली के लिए रेंट विभाग के वसूली इंचार्ज को मिलनी थी, लेकिन रेवेन्यू विभाग के आरोपी बाबू ने इसे दबा लिया। इसकी कंप्लेन नगर आयुक्त व अपर नगर आयुक्त से किए जाने के बावजूद यह फाइल आरोपी बाबू से नहीं ली जा सकी।

बाबू दिखा रहा दबंगई

नगर आयुक्त के आदेश के बावजूद सालों से निगम को किराया न देने वाली एक भी दुकान को सील नहीं किया जा सका। आरोपी बाबू की कस्टडी में फाइल होने से रेंट वसूली विभाग इन दुकानों को सील करने की कार्रवाई नहीं कर सका। वसूली इंचार्ज के आरोप हैं कि इन फाइलों की डिमांड करने पर आरोपी बाबू ने इसे न सिर्फ देने से साफ इंकार कर दिया बल्कि किसी से भी कंप्लेन करने की धौंस दे डाली। वहीं अपर नगर आयुक्त सच्चिदानंद सिंह को इस बारे में कंप्लेन करने पर उन्होंने भी फाइल बाबू की कस्टडी में ही रहने के निर्देश जारी कर दिए।

जिन दुकानों से किराया वसूली नहीं हुई है उन्हें सील करने के आदेश दिए गए हैं। मामले की शिकायत लिखित में नहीं मिली है। पूरे मामले की जांच होगी। - उमेश प्रताप सिंह, नगर आयुक्त