- तीन युवकों को नौकरी के लिए बुलाया था लखनऊ

- बातीचत में हुए विवाद के बाद पीडि़त पहुंचे पुलिस के पास

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LUCKNOW :
सेना और सीआरपीएफ में नौकरी दिलाने वाले गैंग का नाका पुलिस ने पर्दाफाश कर गैंग के चार जालसाजों को चारबाग के एक होटल से गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों के पास से कई दस्तावेज और सीआरपीएफ का फर्जी आईडी कार्ड बरामद हुआ है। गैंग में शामिल एक जालसाज सेना और दूसरा सीआरपीएफ से बर्खास्त है।

वसूले थे साढ़े तीन लाख
एसपी पश्चिम विकास चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि बुलंदशहर निवासी अमित शर्मा समेत तीन युवकों से कुछ जालसाजों ने सेना और सीआरपीएफ में भर्ती कराने के नाम पर साढ़े तीन-तीन लाख रुपये लिए थे। रुपये लेने के बाद आरोपियों ने किसी को नौकरी नहीं दिलायी और उन्हें टरकाते रहे। कुछ दिन पहले जालसाजों ने अमित शर्मा समेत तीन अन्य युवक को नौकरी दिलाने के नाम पर लखनऊ बुलाया और उनको चारबाग होटल में ठहराया और खुद भी वहीं ही रुके।

पैसे को लेकर हुआ विवाद
दो दिन तक आरोपी अमित व अन्य युवकों को बहाना बनाकर टरकाते रहे। बुधवार को अमित का जालसाजों से पैसे मांगने पर झगड़ा हो गया। इस पर अमित सीधे नाका कोतवाली पहुंचा और पुलिस से शिकायत की। जहां अमित की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट लिखी गई।

फर्जी डॉक्यूमेंट्स बरामद
इसके बाद जब नाका पुलिस ने होटल में छापा मार चार जालसाजों को गिरफ्तार किया। पकड़े गए आरोपियों ने अपना नाम अलीगंज निवासी सोनू उर्फ गजेन्द्र सिंह, मेरठ निवासी मानवीर सिंह, अंकित और बुलंदशहर निवासी सुनील भाटी बताया। पुलिस ने आरोपियों के पास से फर्जी दस्तावेज, मार्कशीट, सर्टिफिकेट और सीआरपीएफ का फर्जी आईडी कार्ड बरामद किया है।

एक सेना तो दूसरा सीआरपीएफ से है बर्खास्त
इंस्पेक्टर नाका विश्वजीत सिंह ने बताया कि इस गैंग के सरगान मानवीर सिंह और अंकित कुमार हैं। मानवीर ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र से 2008 में सीआरपीएफ में नौकरी हासिल की थी। जिसका पता चलने पर उसको बर्खास्त किया गया था। वहीं अंकित हाईस्कूल की फर्जी मार्कशीट लगाकर सेना में दाखिल हुआ था। ट्रेनिंग के ही दौरान उसकी धांधली पकड़ी गई थी और उसको भी नौकरी से बर्खास्त किया गया था।