एजेंट्स ने ऑनर, मैनेजर के खिलाफ दी तहरीर

गुलरिहा थाना की पुलिस कर रही जांच पड़ताल

GORAKHPUR: एग्रीकल्चर डेवलपमेंट के बहाने कंपनी खोलकर एजेंट्स से लाखों रुपए कलेक्ट कराने वाले कंपनी संचालक बेइमानी पर उतर आए हैं। कंपनी में जमा रुपए लौटाने की मियाद पूरी होने के बाद से भुगतान के लिए एजेंट्स चक्कर लगा रहे हैं। परेशान हाल एजेंट्स ने गुरुवार को गुलरिहा पुलिस को तहरीर देकर कार्रवाई की गुहार लगाई। पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुटी है। एसएचओ ने बताया कि मामले की छानबीन के बाद केस दर्ज कर लिया जाएगा। कंपनी में जमा नकदी वापस न मिलने पर गुलरिहा थाना के एक होमगार्ड ने 23 अगस्त 2016 को जहर खाकर खुदकुशी कर ली थी। कोई कार्रवाई न होने से कंपनी के जिम्मेदार एजेंट्स को लगातार टरका रहे हैं।

2011 में खोला कंपनी का ऑफिस

गुलरिहा और पिपराइच एरिया में कृषि कार्य संबंधित एक कंपनी का आफिस खोला गया। जंगल एकला नंबर एक और तुलसीदेई निवासी कंपनी संचालकों ने किसानों को लाभ दिलाने के बहाने कई लोगों को एजेंट बनाया। एजेंट्स के माध्यम से कंपनी में दो सौ से अधिक किसानों के रुपए जमा कराए गए। उनको एक निश्चित समय के बाद अधिक लाभ के साथ भुगतान का आश्वासन दिया गया। यह भी कहा गया कि कृषि संबंधी कार्यो में कंपनी सहयोग करेगी। एक करोड़ से अधिक रकम जमा होने पर कंपनी के संचालक भुगतान देने से कतराने लगे।

पहले दिया आश्वासन, अब दे रहे धमकी

शुरूआत में कंपनी के संचालक रुपए देने का आश्वासन देते रहे। बाद में एजेंट्स को जानमाल की धमकी दी जाने लगी। परेशान हाल एजेंट्स ने पुलिस से शिकायत दर्ज कराई। लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। गुलरिहा थाना का होमगार्ड भी कंपनी से जुड़ा था। रुपए का भुगतान न होने पर 23 अगस्त 2016 को उसने सुसाइड कर लिया। इस मामले में पुलिस ने ठीक से कार्रवाई नहीं की। उधर समय पूरा होने पर अन्य किसानों ने एजेंट्स पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। लेकिन जानमाल की धमकी देकर कंपनी के मालिक और कर्मचारी लोगों को धमकाने लगे। गुरुवार को थाने पर पहुंचे कंपनी के एजेंट अर्जुन, राम प्रसाद, सुरेश, बलिराम, दिनेश प्रजापति, रामेश्वर सहित अन्य लोगों ने पुलिस को सूचना दी।

वर्जन

इस मामले की जांच पड़ताल की जा रही है। आरोप सही पाए जाने पर केस दर्ज करके कार्रवाई की जाएगी।

बांके बिहारी, इंस्पेक्टर, थाना गुलरिहा