ALLAHABAD: खतौनी में लिपिकीय त्रुटि को आधार बनाकर रेलवे की 41 बीघा जमीन को अपने नाम कराकर प्लाटिंग कर देने का सनसनीखेज मामला क्राइम ब्रांच को सिपुर्द कर दिया गया है। अरबों रुपए मूल्य की जमीन की हेराफेरी में संदेह के दायरे में रेलवे के अफसरों के अलावा तत्कालीन एसडीएम फूलपुर और हल्का लेखपाल भी हैं। बिल्डर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी गई है और बाकी अफसरों को 12 अक्टूबर को क्राइम ब्रांच ने पूछताछ के लिए तलब किया है। क्राइम ब्रांच के अफसरों का मानना है कि रेलवे के साथ पब्लिक को चोट पहुंचा चुके भूमाफियाओं ने यह खेल मिल-जुल कर ही खेला है। बाकी पूछताछ और पत्रावली की पड़ताल से स्पष्ट हो जाएगा।
एसपी क्राइम करेंगे सुपरविजन
जांच का सुपरविजन एसपी क्राइम को सौंपा गया है। जांच के लिए बनी टीम में इंस्पेक्टर श्रीप्रकाश सिंह, शिवमंगल सिंह और केके यादव को शामिल किया गया है। क्राइम ब्रांच ने पूछताछ के लिए डीआरएम वाराणसी एसके झा, पूर्वोत्तर रेलवे के पीआरओ, तत्कालीन एसडीएम फूलपुर, मुख्य राजस्व अधिकारी गोरे लाल, तहसीलदार और चकबंदी अधिकारी समेत कई को तलब किया है। सभी को 12 अक्टूबर को क्राइम ब्रांच बुलाया गया है, जहां पूछताछ की जाएगी।
दो साल पहले हुआ खेल
झूंसी रेलवे स्टेशन के निकट कटका गांव में करीब 41 बीघा जमीन रेलवे की है
इसकी कीमत वर्तमान समय में अरबों में है
दो साल पहले फूलपुर के चंदोहा गांव निवासी कुतुबुद्दीन व अन्य ने एसडीएम के यहां आवेदन किया
दावा किया कि खतौनी में उनकी जमीन लिपिकीय त्रुटि के कारण दूसरे के नाम दर्ज हो गई है
वे ही भूमि के वास्तविक मालिक हैं
तत्कालीन एसडीएम फूलपुर राजकुमार द्विवेदी ने लेखपाल, नायब तहसीलदार व तहसीलदार से जमीन की रिपोर्ट मंगवाई
रिपोर्ट के आधार पर उन्होंने जमीन पर आवेदकों का नाम दर्ज करने का आदेश दे दिया
बिल्डर ने शुरू कर दी प्लाटिंग
जमीन पर नाम चढ़ने के बाद भूमाफियाओं ने इसकी प्लाटिंग शुरू कर दी
प्लाटिंग की सूचना के बाद कटका के लोग जागे और कमिश्नर के यहां शिकायत दर्ज कराई
कमिश्नर आशीष गोयल ने जांच कराई तो इसमें बड़े स्तर पर गड़बड़ी पाई गई
जांच में एसडीएम, लेखपाल समेत कई अधिकारियों की संलिप्तता की बात भी सामने आई।
जांच के बाद कमिश्नर के आदेश पर 10 अगस्त 2017 को झूंसी थाने में फूलपुर के तहसीलदार देवेंद्र कुमार ने बिल्डर कुतुबुद्दीन व सलाहउद्दीन के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई
एफआईआर दर्ज होने के बाद मामला ठंडे बस्ते में था
अब पूरे प्रकरण की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई है
इसका सुपरवीजन एसपी क्राइम बृजेश मिश्र कर रहे हैं।
सामने आ सकते हैं कई बड़े नाम
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जिस तरह रेलवे की जमीन बिल्डर के नाम की गई है वह चौंकाने वाला है। इसकी जांच में कई बड़े नाम भी सामने आ सकते हैं। कुछ रेल अधिकारी व कर्मचारी भी संदेह के घेरे में हैं। रेलवे की संपत्ति की निगरानी के लिए बकायदा अधिकारियों को नियुक्त किया जाता है। क्राइम ब्रांच के अधिकारियों का मानना है कि इसमें शामिल अधिकारियों को उसी जमीन पर प्लॉट के साथ पैसा भी देने की बात सामने आ रही है। मामले की काफी गहनता से जांच में कई ऐसे नाम भी सामने आ सकते हैं, जिनके बारे में अभी तक कोई सोच भी नहीं सकता।
रेलवे के जमीन घोटाले में भूमाफिया के साथ कुछ प्रशासनिक व रेल अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है। इसके लिए डीआरएम वाराणसी समेत अन्य को पूछताछ के लिए तलब किया गया है।
बृजेश मिश्रा, एसपी क्राइम