RANCHI: डेटिंग के चक्कर में अपने रांची में सेना के एक अधिकारी 33 लाख रुपये गंवा बैठे। डेटिंग एप (स्कोका एप) के जरिये झूठा प्रलोभन देकर इस फ्रॉड को अंजाम देने के आरोप में साइबर थाने की पुलिस ने दो शातिरों को अरेस्ट किया है। फोन लोकेशन के आधार पर साइबर पुलिस ने दिल्ली पुलिस व सीबीआई की मदद से इन्हें पकड़ने में सफलता हासिल की। इनपर सिर्फ झारखंड के अलावा कई अन्य राज्यों के लोगों को भी डेटिंग एप के जरिये अपने जाल में फंसाकर रुपये ऐंठने का आरोप है।

शातिरों ने कबूला जुर्म
डीजीपी कमल नयन चौबे ने सोमवार की शाम प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि अप्रैल में साइबर थाने में कर्नल नितिन कुमार ने अज्ञात अपराधियों के खिलाफ स्कोका एप पर झूठा प्रलोभन देकर 33 लाख रुपये ठगने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जांच के दौरान रुपयों के ट्रांजेक्शन में प्रयुक्त बैंक खाते व मोबाइल की जानकारी ली गई। साइबर थाने के डीएसपी सुमित कुमार व उनकी टीम ने एक आरोपी अमित दीवान का पता खोज निकाला। वह दिल्ली का रहने वाला है। जिसके बाद दिल्ली पहुंची रांची पुलिस ने वहां के पुलिस व सीबीआइ की मदद ली। इसके बाद अमित हत्थे चढ़ा। उसने अपना जुर्म कबूल करने के बाद अपने दूसरे साथी रांची में रहने वाले बृजमोहन प्रसाद उर्फ रमण कुमार के बारे में जानकारी दी। वह वर्तमान में खेलगांव में शिवपाल सिंह के नाम से रह रहा था। पुलिस ने जब खेलगांव से बृजमोहन को अरेस्ट किया तो उसने भी इस अपराध में अपने को शामिल होना स्वीकार कर लिया। उसके घर व कार की तलाशी लेने पर पुलिस ने सैकड़ों एटीएम कार्ड, वोटर आइडी कार्ड, पैन कार्ड, मोबाइल व अन्य कागजात बरामद किए हैं

ये चढ़े हत्थे

- अमित दीवान, दिलशाद गार्डन, थाना सीमापुरी, नई दिल्ली

- ब्रजमोहन प्रसाद उर्फ शिवपाल सिंह ऊर्फ रमण कुमार निवासी सकलडीहा, चंदौली, यूपी। वर्तमान पता खेलगांव कांप्लेक्स, होटवार, रांची

ये सामान बरामद

- बैंकों के 40 पासबुक, 51 चेक बुक, 76 पैन कार्ड, 89 वोटर आइडी कार्ड, 78 एटीएम कार्ड, 24 सिम कार्ड, 14 मोबाइल, एक लैपटॉप, 20 हजार रुपये कैश, टाटा की जेस्ट कार, व स्कूटी।

दर्जनों से ऐंठ चुके हैं रकम
साइबर अपराधियों का यह गिरोह डेटिंग एप के जरिये दर्जनभर राज्यों के लोगों को चूना लगा चुका है। इस गिरोह ने स्कोका एप व लोकेंटो एप की मदद से दिल्ली, जम्मू, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार, पंजाब के अलावा अन्य ¨हदी भाषी राज्यों के लोगों को फांसकर रकम ऐंठी है। ये फर्जी वोटर आइडी कार्ड व पे कार्ड के जरिये बैंकों में खाते खोलते थे और उसमें रुपयों का ट्रांजेक्शन करते थे।

डीजीपी ने दी शाबाशी
डीजीपी ने मामले का खुलासा करने वाली पूरी पुलिस टीम को शाबाशी दी। उन्होंने दिल्ली पुलिस व सीबीआई की को भी धन्यवाद दिया है।

ऐसे फंसाते हैं जाल में
इंटरनेट के साइट पर स्कोका एप व लोकेंटो एप पर कई दर्जन मोबाइल नंबर के साथ-साथ सुंदर-सुंदर लड़कियों की फोटो रहते हैं। कोई भी शख्स जैसे ही उस नंबर पर कॉल करता है तो कोई जेंट्स कॉल रिसीव करता है। वह पेटीएम या अन्य खातों में रुपये ऑनलाइन भेजने को कहता है। यह आश्वासन देता है कि उसके बाद वह लड़की उपलब्ध करा देगा। इसी झांसे में आकर लोग लाखों रुपये गंवा बैठते हैं।