-खुद को डीआईजी का करीबी बता कर 2.10 लाख रुपये और ज्वैलरी वसूली

-कई अन्य लोगों को भी लगा चुका है चूना

LUCKNOW: खुद को डीआईजी का करीबी बताकर सब इंस्पेक्टर पोस्ट का एग्जाम दे रही तलाकशुदा लेडी पर रौब गांठानौकरी लगवाने का लालच देकर उससे ख्.क्0 लाख रुपये और ज्वैलरी भी वसूल ली। पर, रिजल्ट में नाम न आने पर जब लेडी ने रुपयों का तगादा किया तो जालसाज उलटे धमकी देने लगा। पीडि़ता की शिकायत पर हजरतगंज पुलिस ने एफआईआर दर्ज की और गुरुवार को आरोपी को अरेस्ट कर लिया। पुलिस ने उसके कब्जे से फर्जी विधानसभा पास लगी एक टाटा कोरोला कार बरामद की। जांच में पता चला कि गिरफ्त में आया जालसाज कई अन्य लोगों को भी नौकरी के नाम पर चूना लगा चुका है।

गर्लफे्रंड के जरिए जमाया विश्वास

गोमतीनगर निवासी नंदिनी मिश्रा तलाकशुदा हैं। एक बेटे की जिम्मेदारी उठा रही नंदिनी गोमतीनगर स्थित एक प्राइवेट फर्म में जॉब करती थी। ख्0क्फ् में निकली सब इंस्पेक्टर भर्ती में फॉर्म भरा। इसी दौरान उसकी मुलाकात साथ काम करने वाली युवती के ब्वॉय फ्रेंड फतेहपुर निवासी विपिन कुमार सिंह से हुई। नंदिनी के मुताबिक, विपिन ने उसे अपनी ऊंची जान-पहचान का हवाला दिया। प्रभावित होकर उसने विपिन से सब इंस्पेक्टर की नौकरी लगवाने की गुजारिश की। नंदिनी के मुताबिक, विपिन ने उसे बताया कि यूपी पुलिस में डीआईजी आरके सिंह उसके करीबी हैं और वह उनके जरिए उसकी नौकरी लगवा सकता है। पर, इसके लिये उसे रकम खर्च करनी पड़ेगी।

वसूला कैश और ज्वैलरी

विश्वास जमाने के लिये विपिन नंदिनी को गोमतीनगर के हनीमैन चौराहे पर स्थित एक बंगले पर ले गया और बताया कि वह डीआईजी आरके सिंह का बंगला है। वह नंदिनी को बाहर छोड़कर बात करने के बहाने बंगले के भीतर चला गया। कुछ देर बाद निकलने पर विपिन ने उसे बताया कि बात हो गई है और उसका काम हो जाएगा। अब तक पूरी तरह विपिन के झांसे में आ चुकी नंदिनी ने उसे अलग-अलग किश्तों में कुल ख्.क्0 लाख रुपये सौंप दिये। नंदिनी ने बताया कि इसके बाद विपिन ने उससे और रकम की मांग की। जब उसने अपनी आर्थिक स्थिति ठीक न होने की बात कही तो विपिन उसे दी हुई रकम डूबने की धमकी देने लगा। आखिरकार हारकर नंदिनी ने उसे 80 हजार रुपये की अपनी ज्वैलरी सौंप दी।

नहीं लगी नौकरी

कैश और ज्वैलरी देने के बाद अपनी नौकरी पक्की मान रही नंदिनी ने सब इंस्पेक्टर का एग्जाम दिया। पर, रिजल्ट में उसका रोल नंबर नहीं था। इस पर जब उसने विपिन से रकम वापस मांगी, तो वह उसे धमकाने लगा। आखिरकार नंदिनी ने हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई। जब पुलिस जांच करने के लिये गोमतीनगर स्थित कथित डीआईजी के बंगले पर पहुंची तो पता चला कि वहां तो कोई डीआईजी रहता ही नहीं। पुलिस ने जांच में नंदिनी द्वारा लगाए गए आरोप सही पाए और गुरुवार को आरोपी विपिन को लालबाग एरिया में घेराबंदी कर अरेस्ट कर लिया। मामले के विवेचनाधिकारी एसआई विजयवीर सिंह सिरोही ने बताया कि जांच में पता चला है कि आरोपी विपिन ने कई अन्य लोगों को नौकरी के नाम पर चूना लगाया है। इसके अलावा वह गुडंबा पुलिस द्वारा चोरी की बाइक के साथ अरेस्ट कर जेल भेजा जा चुका है। इसी के बाद गुडंबा पुलिस ने उसके खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई भी की थी।