-डायट क्लर्क को दिए थे 10 लाख रुपए, हिरासत में लिए जाने के बाद भाई ने लिखवाई एफआईआर

-आरोप है कि चौरासी खंभे के पास रुपए देने के लिए बुलाया और पीटकर पुलिस को सौंपा

ALLAHABAD: सोहबतियाबाग का सतीश यादव सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगने वाले रैकेट के शिकंजे में बुरी तरह फंस गया। 10 लाख रुपए तो उसने गंवाए ही, नौकरी के नाम पर ठगने वाले डायट क्लर्क अमरेश चंद्र पांडेय की किडनैपिंग का आरोप भी उस पर लग गया। नौकरी तो मिली नहीं, उलटे जेल जाने की नौबत भी आ गई। जब सतीश को जार्जटाउन पुलिस ने हिरासत में ले लिया तो उसके भाई कन्हैया लाल यादव ने कर्नलगंज थाने जाकर हकीकत बयां की। उसने डायट क्लर्क पर 10 लाख रुपए हड़पने, भाई सतीश को मारने-पीटने की धाराओं में एफआईआर दर्ज करवा दी।

जार्जटाउन में रिपोर्ट

मेजा का अमरेश चंद्र पांडेय डायट कौशांबी में क्लर्क है। उसने आरोप लगाया था कि सतीश यादव उससे रंगदारी मांगता है और उसको 16 अगस्त को जार्जटाउन के संगम पेट्रोल पर बुलवाया था। कहा था कि उससे मानवाधिकार के मामले में बात करनी है। शाम चार बजे वह उसे स्कार्पियों में तीन अन्य के साथ मिलकर अगवा कर ले गया और अल्लापुर के कमरे में बंद कर बुरी तरह मारा पीटा। वह किसी तरह बचकर भागा और 19 अगस्त को जार्जटाउन में सतीश के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी।

पलट गया मामला

किडनैपिंग के मामले में नया मोड़ शनिवार शाम आया। सतीश के भाई कन्हैया लाल यादव का आरोप है कि अमरेश ने उसे फोन कर बुलाया। कहा कि वह चौरासी खंभा के पास पहुंचे और ढाई लाख रुपए ले जाए। सतीश जैसे ही मौके पर पहुंचा सफारी, टवेरा व स्कार्पियो से आए लोगों ने उसे अगवा कर लिया। उसे पीटते हुए वह लोग साथ ले गए और रात में जार्जटाउन पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस भी पहले से मामले को संदिग्ध मान रही थी, इसलिए सतीश की अरेस्टिंग नहीं दिखाई गई। जानकारी मिलते ही कन्हैया कर्नलगंज थाने पहुंच गए। कहा कि बीते अप्रैल में अमरेश ने डायट में क्लर्क की नौकरी लगवाने के लिए सतीश से 10 लाख रुपए लिए थे। रुपए मिलने के बाद वह कन्नी काटने लगा। सतीश ने जब रुपए लौटाने को कहा तो वह उसको धमकाने लगा। जब प्रेशर बनाया गया तो उसने किडनैपिंग का ड्रामा रचा और एफआईआर करवा दी। कन्हैया की तहरीर पर अमरेश व उसके साथियों के खिलाफ मारपीट, धोखाधड़ी, जान से मारने की धमकी देने की धाराओं में शनिवार देर रात एफआईआर दर्ज कर ली गई। सतीश के पिता तारानाथ का देहांत हो चुका है। वह बिजली विभाग में थे।

पहले भी फंसा था

डायट क्लर्क अमरेश फर्जी मार्कशीट मामले में फंस चुका है। कौशांबी में फर्जी अभ्यर्थियों का चयन फर्जी मार्कशीट के जरिए कराने का ठेका लेने का उस पर आरोप लगा था। कौशांबी के क्राइम ब्रांच ने छापा मारकर दो युवकों को भी पकड़ा था। पुलिस के मुताबिक, अमरेश के पटल व घर से कई फर्जी मार्कशीट बरामद हुई थीं। इस मामले में अमरेश, टीचर इंदल यादव के दो बेटों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी। जब जांच हुई तो 100 से अधिक अभ्यर्थियों की मार्कशीट फर्जी निकली थी। इस मामले की जांच अभी चल रही है। सतीश के अधिवक्ता भाई कन्हैया लाल का कहना है कि उनके पास अमरेश के खिलाफ कई सुबूत हैं। कॉल रिकॉर्डिग और वीडियो क्लिप भी उन्होंने पुलिस को सौंपी है। यह भी कहना है कि सिटी के कई और बेरोजगारों से भी रुपए लिए गए हैं। कर्नलगंज पुलिस ने अमरेश को पूछताछ के लिए बुलाया है।