छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड पर पैथ लैब चलाने वाली मेडॉल कंपनी मरीजों के साथ-साथ सरकार को भी चूना लगा रहीं है। बीते 10 माह में मेडॉल कंपनी ने एमजीएम प्रबंधन को कुल 95 लाख 30 हजार का बिल थमाया था। इसके बाद एमजीएम प्रबंधन ने जब इसकी जांच की तो 79 लाख के बिल अतिरिक्त पाए गए हैं। सिर्फ 16 लाख 30 हजार रुपये का बिल ही जायज बताया गया है। इसे लेकर अस्पताल प्रबंधन ने मेडॉल कंपनी के मैनेजर को सख्त निर्देश जारी किया है। ताकि इस तरह की गलती दोबारा सामने नहीं आए।

जांच रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई है कि मेडॉल कंपनी मरीजों की वह जांच भी कर रहीं है, जिसकी आवश्कयता नहीं है। एक-एक मरीज की दर्जनों जांच की गई है। जबकि इतनी जांच की आवश्यकता नहीं थी। इस खेल में बीपीएल कार्डधारी व गर्भवती महिलाओं की जांच अधिक की गई है।

सरकारी जांच घर में कम हुए मरीज

मेडॉल कंपनी को आने से एमजीएम अस्पताल के अपने पैथ लैब में आने वाले मरीजों की संख्या लगातार घट रही है। जब मेडॉल कंपनी स्थापित नहीं हुई थी तब रोजाना करीब 130-150 मरीज पहुंचे पहुंचते थे लेकिन अब यह संख्या घटकर 90 से 100 तक रह गई है।